बाघ के हमले से महिला की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ किया प्रदर्शन
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में लगातार हो रहे बाघ के हमले से ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं। वन प्रमंडल दो के हर्नाटांड़ स्थित बैरिया काला के मैदानी क्षेत्र में एक बाघ ने सोमवार की शाम बैरिया काला गांव निवासी गुलबंदी देवी (45) बाघ ने शिकार बना लिया। बाघ के हमले में महिला की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही लोगों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंच गई।
सोमवार की देर शाम महिला के शव को ग्रामीण और परिजन अपने कब्जे में ले लिए। प्रशासन द्वारा पोस्टमॉर्टम कराने के बात को ग्रामीणों ने बिल्कुल मना कर दिया। मुआवजे की राशि, लगातार हो रहे बाघ के हमले से बचाव और वन अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर ग्रामीण मृतक के शव को हर्नाटांड़ वन क्षेत्र कार्यालय पर रखकर प्रदर्शन किया। इस सूचना पर बगहा एसडीएम दीपक मिश्रा, बगहा एसपी किरण कुमार गोरख जाधव, एसडीपीओ समेत वन विभाग के कई अधिकारी लोगों को समझाने बुझाने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
4 महीने से डर के साए में जी रहे लोग
हर्नाटांड़ वन क्षेत्र में विगत 4 महीने से लोग दहशत में हैं। बैरिया काला के नजदीक जंगल में एक बाघ के आतंक से लोग भयभीत हैं। जब भी यह बाघ आता है। किसी ना किसी का शिकार कर वहां से निकल लेता है।
इन लोगों को मौत के घाट उतार चुका है बाघ
बैरिया कला गांव के अविनाश पर 20 मई को बाघ ने हमला बोला था। अविनाश का पैर और हाथ अभी भी काम नहीं कर रहा है। वहीं, बीते 14 मई को जिमरी नौतनवा निवासी 13 वर्षीय राजकुमार और 20 मई को पुरैना कटहा गांव की रहने वाली विधवा महिला पार्वती देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। जबकि 14 जुलाई को बैरिया कला निवासी धर्मराज काजी को बाघ ने मार डाला था। जबकि 13 सितंबर को खेत में काम करने गई बैरिया काला गांव निवासी गुलबंदी देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई।