ईंट से जुड़े आठ सूत्री मांगों को लेकर बेगूसराय में सड़क पर उतरी हजारों की भीड़
बड़ी खबर
बेगूसराय। सरकारी कार्य में लाल ईंट के उपयोग पर लगी रोक हटाने सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को बेगूसराय में दो हजार से अधिक लोग सड़क पर उतर आए। जिसके कारण पहले से ही बदहाल बेगूसराय जिला मुख्यालय की ट्रैफिक व्यवस्था दिनभर अस्त-व्यस्त रही। अखिल भारतीय एवं बिहार ईंट निर्माता संघ के आह्वान पर बेगूसराय ईंट निर्माता संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला भर के ईंट भट्ठा मालिक ही नहीं, बल्कि ईंट भट्ठा पर काम करने वाले मजदूरों ने भी जोरदार प्रदर्शन किया। इसको लेकर हजारों लोगों की भीड़ जिला मुख्यालय के ट्रैफिक चौक पर जमा हुई, जहां से की सभी लोग मांग से संबंधित बैनर-पोस्टर लेकर विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार एवं सचिव बबलू कुमार के नेतृत्व में समाहरणालय के दक्षिणी द्वार हड़ताली चौक पर पहुंचे।धरना के बाद प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ईंट निर्माताओं से भारी टैक्स लेने बाबजूद सरकारी कार्यों में लाल ईंट के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। उत्पादन लागत में चौगुनी वृद्धि के बाबजूद सात वर्षो से लाल ईंट का सरकारी दर शिथिलता को बाजार मूल्य के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। कोयला के मूल्य में तीन गुना की अप्रत्याशित वृद्धि कर दी गई है और उच्च क्वालिटी का कोयला भी काफी कम मात्रा में दिया जाता है। जीएसटी में छह गुना बढ़ोतरी किए जाने के कारण ग्राहक टैक्स देना नहीं चाहते हैं, ईंट भट्ठा संचालकों को अपने पूंजी से टैक्स देना पड़ता है, इसलिए टैक्स दर कम किया जाए।
सरकार गंगा एवं अन्य नदियों से गाद और नहर की उड़ाही करवा कर वह मिट्टी ईंट निर्माताओं को दे। इसका खनन खर्च ईंट निर्माता वहन करेंगे तो सरकारी राजस्व की बचत होगी। ट्रैक्टर से ढ़ुलाई करने के लिए साढ़े सात टन का वजन सरकार द्वारा तय किया गया है। लेकिन सॉफ्टवेयर में अनुपलब्धता के कारण यह नहीं हो रहा है, सरकार साढे सात टन भार परिवहन क्षमता का परमिट देने की व्यवस्था करें। ईंट निर्माता बेईमान नहीं हैं, हम इमानदारी पूर्वक माइनिंग टैक्स देना चाहते हैं, जुर्माना एवं सूद दर को कम करके टैक्स जमा करने का आदेश दिया जाए तो हम सब तुरंत बकाया टैक्स का भुगतान करेंगे। पिछले कुछ वर्ष में अवैध घोषित किए गए सभी ईंट भट्ठा को वैध घोषित किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि हम सब सरकार को भरपूर टैक्स देते हैं, राजस्व का बड़ा माध्यम हैं। लेकिन हमारी परेशानी की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, ऐसे में मजबूर होकर सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हुए हैं। पिछले दिनों से जारी हड़ताल के कारण बिहार के ईंट भट्ठा पर काम करने वाले लाखों मजदूर बेरोजगार होकर बैठे हुए हैं, ऐसे में रोजी-रोटी की समस्या हो गई है। इस पर अविलंब पहल हो अन्यथा मजबूर होकर और उग्र आंदोलन किया जाएगा।