बिहार में मौसम ने ली है करवट, बारिश व आंधी से फसलों को नुकसान

Update: 2023-03-21 06:38 GMT
पटना, (आईएएनएस)| बिहार में राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश इलाकों में मौसम में हुए बदलाव के बाद कई जिलों में बारिश हुई है तथा तेज हवा चली है। इससे फसलों को नुकसान हुआ है। कई इलाकों में ओले भी पड़े है। मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को भी बिहार के 24 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम में हुए बदलाव से फसलों को नुकसान हुआ है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के विभिन्न जिलों में ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति एवं गृह क्षति का सर्वेक्षण तथा आकलन कर लोगों को शीघ्र राहत पहुंचाने का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग एवं जिलाधिकारी को दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रभावित जिलों में सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा ओलावृष्टि से हुयी गृह क्षति एवं फसल क्षति का सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण के उपरांत सभी प्रभावित आपदा पीड़ितों को अविलंब अनुमान्य राहत दी जाएगी।
किसानों का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश से सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों के फसल को नुकसान हुआ है। खेतों में पक कर खड़ी गेहूं और दलहनी फसलों पर पानी पड़ने से काफी नुकसान हुआ है। साथ ही साथ मसूर, चना, मटर, आलू आदि के फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
किसान बताते है कि खेतों में लगी गेहूं के फसल काले पड़ जाएंगे तो वहीं जो फसल कट के खेत में पड़े हैं, उनमें सड़न पैदा हो जायेगी। सरसों के फसल के साथ भी है जो सरसों की फसल कट चुकी है उसमें सड़न के साथ-साथ सरसों के दाने खेत में ही झड़ जाएंगे।
इधर, आम और लीची के उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन इलाकों में तेज हवा चली होगी वहां आम के मंजर गिर गए होंगे।
कुछ कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन किसानों की फसल तैयार हो गई है, वह जल्द से जल्द कटनी कर लें। कटनी के बाद दवनी करें और उसका सुरक्षित भंडारण कर लें। उन्होंने कहा कि हल्की बारिश होने से गेहूं फसल को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
--आईएएनएस
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