उत्पाद विभाग के एक एसआई के खिलाफ पीड़ित ने न्यायालय से लगायी न्याय की गुहार
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किशनगंज। माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक पीड़ित ने आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है। पीड़ित ने आवेदन में उल्लेख किया है कि अभियोगी एक प्राईवेट बस BR 09PA1245 का कंडेक्टर है। 24 अगस्त 2022 को सिलीगुड़ी से पसेंजर लेकर कुशेश्वर स्थान जा रहे थे। रास्ते में फरींगगोला के नजदीक उसके बस को रोक कर उत्पाद विभाग के एसआई विकास कुमार सिन्हा और उनके अधिनस्त दूसरे लोगों के द्वारा बस की तलाशी ली गई, जिसमें पसेंजर के सामान में से लगभग 64 लीटर शराब बरामद दिखाया गया। फिर उक्त विकास कुमार सिन्हा ने जोर जबरदस्ती आवेदक को अपने साथ उठाकर किशनगंज मद्य निषेध कार्यालय लाया और वहाँ से उसके साथ गाली गलौज और लप्पर थप्पर करतें हुए उसके पॉकेट से तीस हजार सात सौ पैतीस रूपया छिन लिया। विरोध करने पर उक्त विकास कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि तुम और भी 70,000/- रूपया मंगवाकर दोगे तो तुम्हारे उपर कोई दारू का केस दर्ज नही करेंगे।
वरना बस में सवार यात्री जिसके पास से दारू बरामद हुआ उसके जगह पर तुम्हें ही जेल भेज देंगे। आवेदक ने जब उक्त विकास कुमार सिन्हा के गलत मांग का विरोध किया तो उपरोक्त बस के खलासी अनिल कुमार को भी बस से उतारकर मंगवा लिया और दोनों के विरूद्ध झूठा केस बनाकर आवेदक और बस के खलासी को झूठा केस में जेल भेज दिया। जबकि आवेदक पब्लीक बस के कनडेक्टर है उसे पैसेंजर के समान से कोई लेना देना नही रहता है। फिर भी अभियुक्त विकास कुमार सिन्हा ने अभियोगी को उसके बस से जबरदस्ती उठाकर अपने कार्यालय में लाया और उससे 30,000/- रूपया छिनतई कर उसे झूठे केस में फँसाकर जेल भेज दिया। उक्त विषय पर गवाहो ने मध्यस्ता करने का प्रयास किया किन्तु वे सफल नही हुए। पीड़ित ने यह मांग किया है कि अभियोगी का न्यायालय में सत्यनिष्ठा बयान लेकर उपरोक्त अभियुक्त विकास कुमार सिन्हा पर अधिपत्र निर्गत करने की कृपा की जाए। गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी उत्पाद विभाग के एसआई विकाश कुमार सिन्हा पे कई गंभीर आरोप लग चुके है पर अपने ऊंचे रसूख के बदौलत आज तक न इनपर किसी प्रकार की जांच की सूचना नही है और न ही कार्रवाई की।