BJP-RJD की ताकत बढ़ी, जेडीयू अब भी सबसे बड़ी पार्टी

Update: 2022-07-21 17:15 GMT

बिहार विधान परिषद के सात सदस्यों का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो गया। इनका कार्यकाल 21 जुलाई तक निर्धारित था। इनके स्थान पर नवनिर्वाचित सभी नए सदस्यों का शुक्रवार को शपथग्रहण होगा। मुकेश सहनी के रिटायर होने के साथ ही विधान परिषद में वीआईपी का अस्तित्व खत्म हो गया। सहनी विप में पार्टी के अकेले सदस्य थे। सात नए सदस्यों के आने के बाद विधानपरिषद का गणित भी बदल गया है। जदयू को नुकसान हुआ है, जबकि भाजपा और राजद की ताकत बढ़ी है। इसके बावजूद जदयू यहां सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी, जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर है। राजद परिषद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में विधानपरिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह शुक्रवार को नवनिर्वाचित सभी नए सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इनमें जदयू के आफाक अहमद खां व रवीन्द्र प्रसाद सिंह, भाजपा के अनिल शर्मा व हरी सहनी जबकि राजद के अशोक कुमार पांडेय, मुन्नी देवी, मो. सोहैब शामिल हैं। इनका निर्वाचन 13जून को हुआ था।

इसके पहले गुरुवार को जिन सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ इनमें अर्जुन सहनी, मो. कमर आलम, गुलाम रसूल बलियावी, रोजिना नाजिश, रणविजय कुमार सिंह, मुकेश सहनी और सीपी सिन्हा उर्फ चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा शामिल हैं। इनमें वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भाजपा कोटे से विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। विधानसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी होने के बावजूद चुनाव हार जाने पर भाजपा ने उन्हें उच्च सदन में भेजा था।

जदयू की रोजिना नाजिश और मुकेश सहनी का कार्यकाल काफी कम रहा। मुकेश सहनी मात्र डेढ़ साल के लिए सदन के सदस्य रहे। जबकि रोजिना नाजिश का कार्यकाल लगभग 10 माह का रहा। शेष पांच सदस्यों का कार्यकाल 22 जुलाई 2016 से 21 जुलाई 2022 तक रहा।

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