बिहार की संस्कृति और परंपराओं को चित्रित करने के लिए सहायता देगी राज्य सरकार
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पटना। बिहार में प्राचीन स्थानों और पर्याप्त बुनियादी ढांचे की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को चित्रित करने वाली फिल्में बनाने के लिए फिल्म निर्माताओं को सहायता करेगी। रविवार को गोवा में भारत के 53वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह से ठीक पहले फिल्म निर्माताओं के साथ बातचीत करते हुए बिहार के कला, संस्कृति और युवा मामलों के विभाग की सचिव बंदना प्रियसी ने कहा, ''इसमें अपार संभावनाएं हैं। बिहार का गौरवशाली अतीत फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए काफी हैं। इस प्रकार, हम फिल्म निर्माताओं को बिहार आने और संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।'' उन्होंने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई)- 2022, गोवा में रविवार को पहली बार स्थापित ''बिहार पैविलियन'' का उद्घाटन किया।
वंदना ने कहा, ''बिहार पैविलियन'' में हमने जो विषय रखा है वह है बिहार का अन्वेषण करें। बिहार में प्राचीन स्थान और बेहतर बुनियादी ढांचे हैं और राज्य सरकार फिल्म के लिए आवश्यक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की इच्छुक है।'' उन्होंने कहा कि आज आईएफएफआई-2022 का पहला दिन था और फिल्म निर्माताओं और अन्य हितधारकों के साथ उनकी बैठक बहुत उपयोगी रही। उनका कहना था कि राज्य सरकार फिल्म उद्योग के हितधारकों को आने और बिहार का पता लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है। वंदना ने कहा, ''मैंने फिल्म निर्माताओं को पूर्ण संस्थागत समर्थन और फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और उपायों के बारे में भी बताया।'' उन्होंने कहा, ''मैंने उन्हें आगामी बिहार फिल्म प्रचार नीति की प्रमुख विशेषताओं के बारे में भी बताया जिसमें इस प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, क्षेत्रीय फिल्मों के लिए विशेष अनुदान, सभी सरकारी अनुमतियों के लिए एकल खिड़की अनापत्ति, उचित सुरक्षा और सुरक्षा व्यवस्था शामिल हैं।'' आईएफएफआई का 53वां संस्करण 28 नवंबर तक चलेगा।