बिहार | भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सेंसस (जनगणना) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में संशोधित शपथ देकर केंद्र सरकार में बिहार में जातीय सर्वे का मार्ग प्रशस्त कर दिया. साथ ही राजद-जदयू के आरोपों की हवा निकाल दी.
उन्होंने कहा कि राजद-जदयू का नेतृत्व उम्मीद कर रहा था कि केंद्र सरकार बिहार में हुए जातीय सर्वे का विरोध करेगी, जिससे भाजपा और केंद्र सरकार को जातीय सर्वे के बहाने पिछड़ा-विरोधी बताने का इन्हें मौका मिलेगा. लेकिन केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि जनगणना कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जातीय सामाजिक-आर्थिक सर्वे राज्य सरकारें भी करा सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से 17 बिंदुओं पर जो आंकड़े जुटाये जा रहे हैं, वह सर्वे है, जनगणना नहीं. यही बात पटना हाईकोर्ट ने भी कही कि राज्य को सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जनगणना करने का नहीं. भाजपा ने बिहार में अपने रुख के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट की तरह जल्द ही जातीय सर्वे के समर्थन में अपना फैसला सुनाएगा.
स्कूलों में किराये पर लिये जाएंगे जेनरेटर
माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में जेनरेटर, कंप्यूटर टेबुल और कुर्सी किराये पर लिये जाएंगे. स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा शुरू करने को लेकर यह निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है. ताकि, बच्चे कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर की शिक्षा प्राप्त कर सकें.
बिजली की अनुपलब्धता बाधक नहीं बने, इसको लेकर जेनेरेटर की व्यवस्था की जा रही है. विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है और उक्त व्यवस्था सुनिश्चत कराने को कहा है. मालूम हो कि राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा देने की कवायद चल रहा है.