स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफा नहीं देने पर RJD ने किया हमला
बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को होने वाला है. इसको लेकर सभी दल अपनी अपनी तैयारी भी कर रहे हैं
पटना: बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को होने वाला है. इसको लेकर सभी दल अपनी अपनी तैयारी भी कर रहे हैं लेकिन अभी तक विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha) ने इस्तीफा नहीं दिया है. इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति यादव (RJD spokesperson Shakti Singh Yadav) ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जब विधानसभा अध्यक्ष को लेकर अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है तो फिर किन कारणों से उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. उन्हें कुर्सी पर नहीं बैठना है. सदन की कार्यवाही को उपाध्यक्ष संचालित करेंगे.
बोले शक्ति सिंह- 'विजय सिन्हा कुर्सी पर नहीं बैठ सकते हैं': शक्ति सिंह यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद गरिमा का पद होता है और जब नई सरकार बन गई है तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ( No Confidence Motion Against Vijay Kumar Sinha) लाया गया है. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. बिहार विधानसभा का संचालन नियमावली से बंधा होता है. माननीय सदस्य हों, मुख्यमंत्री हों या विधानसभा अध्यक्ष हों सभी नियम से बंधे होते हैं. 4 दर्जन से अधिक सदस्यों ने बिहार विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. नियम साफ है कि जब स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो 14 दिन के अंदर लाया जाता है. 24 से सदन की कार्यवाही शुरू हो रही है. ऐसे में विजय कुमार सिन्हा कुर्सी पर नहीं बैठ सकते हैं.
विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद 7 दलों की ओर से 164 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा सचिव को दिया है. लेकिन इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. महागठबंधन के आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र का कहना था विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा बीजेपी कोटे से आते हैं और बीजेपी अल्पमत में चली गई है, इसलिए उनको खुद इस्तीफा दे देना चाहिए.
आरजेडी कोटे से बनेगा स्पीकर: माना भी जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी को मिलना तय है. ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी के पास जाता है तो विधान परिषद सभापति का पद जेडीयू के कोटे में जाना तय है. फिलहाल अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं. सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद बीजेपी के हाथ से यह पद जाना तय हो गया है.
गुलाम गौस हो सकते हैं सभापति: बता दें कि संख्याबल के हिसाब से विधान परिषद में जेडीयू सबसे बड़ा दल है. विधानसभा में भी अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का जाना तय माना जाता है. विधानसभा में संख्याबल के दृष्टिकोण से बीजेपी दूसरा सबसे बडा दल है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है बल्कि परिषद के सभापति के तौर पर जेडीयू के गुलाम गौस की चर्चा है.
बिहार विधानसभा का विशेष सत्र: ऐसे नीतीश सरकार ने 24 अगस्त को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. 2 दिनों के सत्र में पहले दिन सरकार विश्वास मत हासिल करेगी और फिर 25 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है. संभव है विजय सिन्हा उससे पहले इस्तीफा दे दें.
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