बिहार | जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान की ओर से जगजीवन राम स्मृति व्याख्यान में ‘मणिपुर का हाल 150 दिन बाद’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई.
कार्यक्रम में मणिपुर में जारी हिंसा, जिसमें अब तक 175 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों परिवार बेघर हुए हैं से संबंधित एक रिपोर्ट का भी विमोचन किया गया. भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि 150 दिन बाद भी मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है. आज पूरे देश को मणिपुर में शांति बहाली के लिए मजबूती से खड़ा होना होगा. एमएलसी और जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि मणिपुर की घटना राज्य प्रायोजित हिंसा है और बिहार की सरकार ने जातीय गणना करवाकर केन्द्र सरकार के ताबूत में कील ठोक दिया है.
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि मणिपुर एक झलक है, उनका निशाना पूरा देश है. देश गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है. मौके पर नरेन्द्र पाठक, प्रकाश लुईस, कमलेश शर्मा, सत्यनारायण मदन, क्लिफटन डी रोजारियो, सुचेता डे, प्रतिमा इंग्हपी सहित ने अपने वक्तव्य रखे.
अनियमितताओं की सीबीआई जांच हो
विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर कहा कि सिपाही चयन पर्षद द्वारा एक अक्टूबर को हुये सिपाही भर्ती की परीक्षा में हुई गड़बड़ी माननी पड़ी. स्पष्ट है कि पेपर लीक होने से परीक्षा के दोनों पालियों को रद्द कर दिया गया. सिपाही भर्ती सहित पहले की हुई परीक्षाओं में गड़बड़ी की सीबीआई जांच होनी चाहिए.