राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य नेताओं ने किया स्वागत
आगामी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगने के लिए एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचीं।
आगामी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगने के लिए एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, राज्य भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल और अन्य राज्य मंत्रियों ने जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। हवाई अड्डे के परिसर को फूलों से सजाया गया था, जबकि भाजपा कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए पार्टी के झंडे के साथ बाहर सड़कों पर जमा हो गए। द्रौपदी मुर्मू मौर्या होटल में ही सांसद और विधायकों से मुलाकात करेंगी। बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को कराया जाएगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी।
द्रौपदी मुर्मू के आगमन पर होगा नृत्य
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के स्वागत में दौरान आदिवासी जनजाति के पुरुष और महिलाओं के नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इन्हें खास तौर से बगहा से बुलाया गया है। करम झूमर नाम के इस नृत्य के जरिये यहां स्वागत हो रहा है।
इससे पहले झारखंड भी गई थीं मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू सोमवार, 4 जुलाई को रांची पहुंची। रांची पहुंचने के बाद वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचीं। जहां उन्होंने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगा। शिबू सोरेन ने भी इस दौरान मुर्मू को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। झामुमो सुप्रीमो संग मुलाकात के दौरान द्रौपदी मुर्मू के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद थीं। इस मुलाकात के समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन का सफर संघर्षों से भरा
राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आंतरिक मजबूती की खूबसूरत और अद्भुत कहानी हैं। पार्षद के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाली द्रौपदी का बतौर अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से देश का पहल और बतौर महिला दूसरा राष्ट्रपति बनना तय है। ओडिशा के बेहद पिछड़े और संथाल बिरादरी से जुड़ी 64 वर्षीय द्रौपदी के जीवन का सफर संघर्षों से भरा रहा है। आर्थिक अभाव के कारण महज स्तानक तक शिक्षा हासिल करने में कामयाब रही द्रौपदी ने पहले शिक्षा को अपना कॅरिअर बनाया। इससे पहले ओडिशा सरकार में अपनी सेवा दी। बाद में राजनीति के लिए भाजपा को चुना और इसी पार्टी की हो कर रह गई। साल 1997 में पार्षद के रूप में उनके राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत हुई। साल 2000 में पहली बार विधायक और फिर भाजपा-बीजेडी सरकार में दो बार मंत्री बनने का मौका मिला। साल 2015 में उन्हें झारखंड का पहला महिला राज्यपाल बनाया गया। 20 जून को मुर्मू ने अपना जन्मदिन मनाया है। पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी भी ओडिशा में पैदा हुए थे, लेकिन वह मूलत: आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे।
पति-दो बेटों की असामयिक मौत से भी नहीं टूटीं
मुर्मू का जीवन उनके जीवटता को दर्शाती है। जवानी में ही विधवा होने के अलावा दो बेटों की मौत से भी वह नहीं टूटीं। इस दौरान अपनी इकलौती बेटी इतिश्री सहित पूरे परिवार को हौसला देती रहीं। उनकी आंखें तब नम हुईं जब उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई जा रही थी