बिहार में 20 सूत्री कार्यक्रम के गठन की तैयारी तेज

बिहार में बीस सूत्री कार्यक्रम के गठन को लेकर एक बार फिर आवाज उठने लगी है. एनडीए के नेताओं (NDA Leaders) ने सरकार से मांग की है कि एनडीए पार्ट वन 2006 में जिस तरह बीस सूत्री का गठन किया गया था,

Update: 2022-08-02 12:51 GMT

बिहार में बीस सूत्री कार्यक्रम के गठन को लेकर एक बार फिर आवाज उठने लगी है. एनडीए के नेताओं (NDA Leaders) ने सरकार से मांग की है कि एनडीए पार्ट वन 2006 में जिस तरह बीस सूत्री का गठन किया गया था, उसी तरफ फिर से बीस सूत्री का गठन किया जाये. रविवार को पटना (Patna) में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ विधायकों और सांसदों की बैठक में भी यह मुद्दा बीजेपी के विधायकों ने उठाया था. विधायकों ने पिछले कई वर्षों से बीस सूत्री के गठन नहीं होने पर आपत्ति जताई और इस पर केंद्रीय नेतृत्व से हस्तक्षेप करने की मांग की. बीस सूत्री के गठन को लेकर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि यह राज्य के लिए और सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का यह एक माध्यम होता है.

बता दें कि वर्ष 2005 में बिहार में जब पहली बार एनडीए की सरकार बनी थी तो उस वक्त बीस सूत्री का गठन किया गया था. प्रखंड, जिला और मुख्यालय स्तर पर बीस सूत्री का गठन हुआ था. बीजेपी से राधामोहन सिंह और जेडीयू की तरफ से येजलुल हक को उपाध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद दोबारा एनडीए पार्ट टू में भी गठन किया गया था, लेकिन इसे फुल फ्लेज में नहीं बनाया गया. बाद में वर्ष 2013 में जब बीजेपी नीतीश सरकार से अलग हो गई और उसके बाद बीस सूत्री का उपाध्यक्ष गुलाम गौस को बनाया गया, लेकिन कमेटी पूरी तरह नहीं बनी. वर्ष 2020 में बिहार में एक बार फिर बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को सरकार बनने के बाद बीस सूत्री की मांग उठने लगी है.
बीजेपी का मानना है कि बीस सूत्री के गठन से बिहार के आम लोगों तक सरकार और उसकी योजनाएं पहुंचती हैं इसलिए इसका गठन किया जाये. बीजेपी की मांग पर जेडीयू के नेता और राज्य के शिक्षा मंत्र विजय चौधरी ने कहा कि बीस सूत्री गठन की प्रक्रिया जारी है, और इस प्रक्रिया से बीजेपी के लोग भ अवगत हैं.


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