पीके की जन सुराज पद यात्रा से राजनैतिक दलो में बढी बेचैनी,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा राजनीति धंधेबाज
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मोतिहारी। प्रशांत किशोर को जन सुराज पदयात्रा की शुरूआत किये अभी तीन दिन भी पूरा नही हुआ कि विभिन्न राजनीतिक दलों का पीके पर हमला शुरू हो गया है।इनकी पदयात्रा से कई राजनैतिक दलों मे खासा बैचैनी देखी जा रही है। पीके की पदयात्रा को लेकर ताजा हमला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पश्चिम चंपारण के सांसद डा.संजय जायसवाल ने किया है। बिहार के कानून मंत्री डा.शमीम अहमद के साथ एक सड़क का शिलान्यास करने छौड़ादानो पहुंचे डा.जायसवाल ने पीके के जनसुराज पदयात्रा पर कहा कि जिनके लिए राजनीति समाज सेवा के बदले धंधा हो, उस व्यक्ति के बातों का कोई महत्व नही,वे सोचते हैं कि दूसरे से पैसा लेकर चुनाव जीताते हैं, तो खुद राजनीति का धंधा क्यों नहीं करें। ऐसे ही राजनीति का धंधा करने वाले को राजनीति करने का जोश जग गया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जन सुराज पदयात्रा के फंडिग को लेकर भी सवाल किया है। हालांकि इन बयानों के बीच प्रशांत किशोर ने आज पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड के जमुनिया गांव में एक जनसभा में बोलते हुए कहा कि अभी तो पदयात्रा का तीन दिन हुआ है,लोग बौखलाने लगे है।हमने 10 साल मेहनत कर पैसा कमाया है। वो पैसा बिहार को मजबूत बनाने के लिए खर्च कर रहा हुँ।
कुछ लोग बैठे बैठे ज्ञान दे रहे है।ये वही लोग है जो मेरे पास चुनाव प्रबंधन के लिए गिड़गिड़ाते रहे है।इनके बोलने से कुछ नही होगा।जो ठान लिया है उसे पूरी करूंगा।गांव गांव से सही सोच के सही लोग का चुनाव कर उनके सामूहिक प्रयास से बिहार को बेहतर बनाने का संकल्प पूरा होगा। इस दौरान उन्होंन कहा कि बिहार में कृषि अनुकूल प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां मेहनती किसान,उपजाऊ जमीन और पर्याप्त पानी है।जो तीनों एक किसी अन्य राज्यों में नही है।यहां पंजाब हरियाणा कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की तरह नहरों और पानी के लिए विवाद भी नही है।बावजूद इसके यहां किसानों की हालत देश में सबसे ख़राब है। बिहार में किसानों को ना समय से खाद मिल पाती है ना उनकी फसलों का भुगतान। किसानों को बीज के लिए भटकना पड़ता है, यदि बिहार के किसानों की आय पंजाब के किसानों के बराबर कर दिया जाए तो बिहार का आधा कष्ट ख़त्म हो जाएगा।