नीतीश कुमार तय करेंगे नाम, नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में JDU की फिर होगी एंट्री
केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. कई पदों पर अन्य मंत्री प्रभारी के रूप में काम देख रहे हैं. हालांकि केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा इस पर अभी कुछ भी तय नहीं है. लेकिन अगर निकट भविष्य में ऐसा होता है तो सबसे बड़ा सियासी सवाल ये है कि क्या इस बार जदयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगी? बीजेपी मिशन 2024 के तहत सारे कदम उठा रही है. संगठनात्मक बदलाव के साथ-साथ बीजेपी की केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बदलाव पर भी नजर है. इसी को लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है कि क्या बिहार से जदयू की एंट्री होगी. यदि हां, तो आरसीपी के बाद वो कौन सा चेहरा होगा, जो केंद्र में मंत्री बनेगा. इसे लेकर अभी सस्पेंस बरकार है.
अगर निकट भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो इस बार जदयू के साथ-साथ शिवसेना के बागी गुट को भी जगह मिल सकती है, क्योंकि मौजूदा मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों से कुछ ही कैबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में अगर फेरबदल होता है तो इनकी संख्या बढ़ सकती है.
बीते दिनों राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने और फिर से चुन कर न आने की वजह से जदयू के आरसीपी सिंह एवं बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था. इस वक्त इस्पात मंत्रालय ज्योतिरादित्य सिंधिया और अल्पसंख्यक मामले का अतिरिक्त प्रभार स्मृति ईरानी के पास है.
अब जेडीयू को अगर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल रहना है, तो अभी इसके सबसे बड़े दावेदार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह है. पिछली बार भी उनका नाम आगे था, लेकिन बाजी आरसीपी सिंह के हाथ लगी थी. अब ललन सिंह के पास मौका है और वो पावर सेंटर के करीब हैं. उनके अलावा ऐसा कोई चेहरा नहीं है, जिस पर नीतीश इतना भरोसा करते हों.
हालांकि जदयू के सभी नेता एक सुर में कहते हैं कि मंत्रिमंडल में कौन शामिल होगा और कौन नहीं, इसे लेकर फैसला नीतीश कुमार और पीएम नरेन्द्र मोदी को करना है. हाल में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह ललन सिंह को बुलाया, उससे साफ है कि ललन सिंह की बात लगभग पक्की है.
जदयू से जुड़े सूत्र का कहना है कि जेडीयू मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिये बहुत ज्यादा उत्सुक नहीं है. अगर उसे सही प्रतिनिधित्व मिलेगा तभी वो मंत्रिमंडल में शामिल होगी. इस बार जेडीयू एक या दो मंत्री पद से संतुष्ट नही होने वाली है.
केन्द्र में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बन रही रही थी, तब सिर्फ एक मंत्री पद मिलने की वजह से जेडीयू ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था. वहीं 2021 के मंत्रिमंडल विस्तार में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केवल अपने मंत्री पद से संतुष्ट हो गए थे, जिसकी वजह से नीतीश कुमार की नाराजगी उन्हें झेलनी पड़ी और हाल में उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिला.
इस बार जेडीयू की बारगेनिंग पवार बढ़ी है. बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर दबाव में है. नीतीश इस बात को अच्छे से जानते हैं. बीजेपी भी नीतीश को अपने से दूर नहीं जाने देना चाहती है, क्योंकि उसे पता है कि दूसरी तरफ आरजेडी हाथ फैला कर खड़ी है. ऐसे में बात आती है कि अगर जेडीयू मंत्रिमंडल में शामिल होती है तो फिर कौन-कौन चेहरे होंगे
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अलावा जिन और नामों की चर्चा है, उनमें पूर्णिया से जेडीयू सांसद और नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण में फिट होने वाले संतोष कुशवाहा, अति पिछड़ा वर्ग से चंद्रदेव चंद्रवंशी और रामनाथ ठाकुर जैसे लोग शामिल हैं.