अरवल। अरवल में 29 नवंबर को दुष्कर्म करने में असफल होने पर अपराधियों ने एक मां और बेटी को जिंदा जला दिया था. इसमें दोनों की मौत हो गयी थी. अब दबंगों ने फिर से उसी घर में आग लगायी है. बताया जा रहा है कि इस बार घर में आग मृतक के परिवार के अन्य लोगों को मारने के लिए लगाया गया था. हालांकि इसमें वो सुरक्षित बच गए. बड़ी बात ये है कि अपराधियों ने थाने को खुला चैलेंज दिया है. पीड़ित आरती देवी ने बताया कि मृतक महिला उनकी गोतनी थी. मृतक लड़की उनकी भतीजी. इस मामले में दर्ज केस की वो सूचक हैं. ऐसे में अपराधियों ने उन्हें मारने की कोशिश.
आग लगने की सूचना के बाद पूरे गांव के लोग वहा इक्कठा हो गए. आग को किसी तरह से बुझाया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि पीड़िता के घर से थाने की दूरी केवल 500 मीटर है. जबकि सूचना देने के बाद भी पुलिस एक घंटे के बाद पहुंची.घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. पीड़िता महिला ने बताया कि शाम के समय अंधेरे में दो लोग आए और घर के बाहर रखे पुआल में आग लगाकर भाग गए. अंधेरा होने के कारण वो उनका चेहरा देख नहीं पायी. बाद में, ग्रामीणों ने आग को बुझाने में मदद की. हालांकि, बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया.पीड़िता ने अब पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.
बता दें कि 29 नवंबर को गांव के दबंगों ने महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश की. जब वो कामयाब नहीं हो सके तो घर में आग लगा दी. इसमें झुलस कर मां सुमन देवी और सात वर्ष की बेटी श्रद्धा कुमारी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे बिहार को झकझोर करके रख दिया है. अपराधियों ने फिर से पीड़ित परिवार को निशाना बनाया है. बताया जा रहा है कि सहायक पुलिस अधीक्षक रोशन कुमार, परासी थाना अध्यक्ष दुर्गानंद मिश्रा और सदर थाना अध्यक्ष शंभू पासवान ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.