मोदी सरकार ने 3.74 लाख लोगों को दी रेलवे की नौकरी, बिहार में रेलवे की 57 परियोजनाओं पर हो रहा काम : सुशील मोदी

Update: 2023-01-21 14:47 GMT
पटना,(आईएएनएस)| बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते रेलवे में जहां 1.37 लाख नौकरियाँ कम हो गई थीं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल में 3.74 लाख लोगों को रेलवे में नौकरी मिली।
नीतीश कुमार के फिर से अलग रेलवे बजट पेश करने के सुझाव पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि रेल बजट को आम बजट में मिलाने से बिहार में रेलवे का बजट अनुदान यूपीए सरकार की तुलना में 6 गुना बढ़ कर 6,606 करोड़ रुपये हो गया। भारत के अलावा किसी देश में अलग से रेल बजट नहीं होता था।
मोदी ने पृथक रेल बजट की अनुत्पादक परिपाटी समाप्त करने के ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए इसके फायदे गिनाये।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के समय अलग रेल बजट के दौर (2003-04) में रेलवे को बजट सहायता 7 हजार करोड़ रुपये मिलती थी, जो बढ़कर आम बजट ( 2022-23) के जरिये 1.59 लाख करोड़ हो गई।
बिहार के पूर्व वित्त मंत्री रहे मोदी ने कहा कि अलग रेल बजट के जमाने में हर रेल मंत्री बिना बजट प्रावधान के लोकलुभावन घोषणाएं कर देते थे, लेकिन वे संसाधन के अभाव में घोषणाएं लागू नहीं करा पाते थे।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार दस-बीस साल पहले की रेलवे संबंधी घोषणाएं को भी लागू करा रही है, क्योंकि अब बजट सहायता राशि में 484 फीसद की वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार को ये बदलाव और काम नहीं दिखते।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय रेलवे का विद्युतीकरण 14 किलोमीटर सालाना था, जो मोदी-सरकार के समय 1750 फीसदी बढ कर 245 किलोमीटर सालाना हो गया।
उन्होंने कहा कि पहले साल में केवल तीन आरओबी बनते थे, लेकिन अब हर साल रेलवे 40 आरओबी बनवा रहा है।
उल्लेखनीय है दो दिन पहले नीतीश कुमार ने पहले की तरह रेलवे के अलग बजट होने की मांग करते हुए कहा था कि रेलवे का काफी महत्व है। रेलवे के बजट में आने-जाने को लेकर एक-एक लोगों को रूचि रहती है।
उन्होंने कहा था कि अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थे तो हमने रेलवे में काफी तादाद में युवकों को नौकरी दिलवायी थी। हमलोगों ने रेलवे को काफी विकसित किया था। रेलवे में युवाओं को नौकरी मिलनी ही चाहिए।
--आईएएनएस

Similar News

-->