कुशवाहा के बयान के निकाले जाने लगे मायने, नीतीश को लेकर बनी 'आशंका'

Update: 2023-01-23 07:53 GMT
पटना, (आईएएनएस)| बिहार की सियासत में पिछले एक महीने से सत्ताधारी महागठबंधन के नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है। इस बीच, जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के एक बयान ने प्रदेश की सियासत को और गर्म कर दिया है, बल्कि कई बदलाओं के भी संकेत के कयास लगाए जाने लगे हैं। दरअसल, रविवार को कुशवाहा जब पटना पहुंचे तब उन्होंने पत्रकारों से लंबी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जदयू में जो जितना बड़ा नेता है, वह उतने ही भाजपा के संपर्क में है। इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
इसमें सबसे अधिक कयास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर लगने लगे कि क्या नीतीश कुमार फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाएंगे।
कहा जा रहा है कि जदयू के सबसे बड़े नेता नीतीश कुमार ही हैं, अगर कुशवाहा के बयान को सच माना जाए तो क्या नीतीश कुमार सबसे अधिक भाजपा के संपर्क में हैं।
इस मामले में हालांकि जदयू के नेता किसी तरह के बयान देने से बच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कुशवाहा पिछले दिनों रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती थे, तब उनसे मिलने भाजपा के तीन नेता एम्स पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद कुशवाहा के भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ने की बात शुरू हो गई।
कुशवाहा ने हालांकि इस प्रकार की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि वे जदयू में हैं और कमजोर हो रही पार्टी को अभी मजबूत करना है।
वैसे, इसमें कोई शक नहीं है कि हाल के दिनों में महागठंधन के दो सहयोगियों राजद और जदयू के नेताओं के बीच जिस तरह बयानबाजी शुरू है उससे दोनो सहयोगियों में रस्साकसी जारी है।
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने नीतीश के फिर से भाजपा में आने के किसी भी संभावना से इंकार करते हुए कहा कि उनकी राजनीति में प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है, अब उन्हें साथ कोई क्यों लेना चाहेगा।
उन्होंने हालाकि एक प्रश्न के उत्तर में इतना जरूर कहा कि जिसने भी राजद के जंगलराज को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया हो, उसके लिए भाजपा के दरवाजे खुले हुए हैं।
--आईएएनएस
Tags:    

Similar News

-->