लोक अदालत पक्षकारों का अदालत: जिला जज

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Update: 2022-11-12 18:17 GMT
मोतिहारी। न्यायालय पर मुकद्दमों की अधिक बोझ होने के कारण वास्तविक अपराधी को दण्डित करने में देरी होती है।अगर छोटे छोटे मुकद्दमें लोक अदालत में समझौता के माध्यम से सुलझा लिया जाए तो न्यायालय पर मुकद्दमो का बोझ कम हो जाएगा।क्योंकि लोक अदालत पक्षकारों का अदालत है, जहां पक्षकार पीठासीन पदाधिकारी से रूबरू होकर अपनी बातें कहते हैं। जो न्यायालय में संभव नहीं है। उक्त बातें लोक अदालत सभागार में शनिवार को आयोजित वर्ष के अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष परशुराम सिंह यादव ने कही। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा फोरम है जहां मामले एक ही दिन में बिना फीस का समाप्त हो जाता है।
प्राधिकार के उपाध्यक्ष सह अपर मुख्य समाहर्ता अनिल कुमार ने कहा कि न्यायालय पर बढ़ रहे मुकद्दमों की बोझ कम करने का एक मात्र उपाय लोक अदालत है, जो अपनी भूमिका बेखूबी निभा रहा है। एसपी सह प्राधिकार के सदस्य डा. कुमार आशीष ने कहा कि लोक अदालत के समय समय पर क्रियान्वयन से पुलिस प्रशासन को भी विधि व्यवस्था बनाए रखने में सुविधा हो रही है। वहीं जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव डॉ नरेंद्र देव ने कहा कि वादों के निष्पादन अधिक हो इसके लिए जरूरी है कि लोक अदालत में होने वाले वादों में उदारता बरती जाए। साथ ही लोक अदालत का प्रचार सुदूर देहातों में किया जाए। लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। समारोह का संचालन न्यायिक पदाधिकारी रवि रंजन कुमार व कुमारी ज्योति ने की। धन्यवाद ज्ञापन प्राधिकार के सचिव सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने की।
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