बिहार | शहर के डीएवी पीजी कॉलेज के दाढ़ी बाबा सभागार में हिन्दी पखवारे समापन समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ब्रजनंदन किशोर व विशिष्ट अतिथि जंतु विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रवींद्रनाथ पाठक थे .
भूगोल विभाग के डॉ. प्रभाकर निषाद ने विषय प्रवेश कराते हुए हिन्दी पखवारे में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का विवरण प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने हिन्दी भाषा को और अधिक बढ़ावा देने पर जोर दिया. बच्चों को हिन्दी की महत्ता व स्वतंत्रता आंदोलन से आजतक भारतीयता की संकल्पना के विकास में हिन्दी की महती भूमिका पर प्रकाश डाला. प्राचार्य प्रो. केपी गोस्वामी ने कहा कि हिन्दी भाषा के विकास व बाधक कारक की पहचान कर हिन्दी लोकवृत को निर्मित कर सकते हैं.
हिन्दी को लोकल से मनोबल बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.
कार्यक्रम के संयोजक डॉ.कृष्णकांत प्रसाद ने कहा कि काफी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की भागीदारी के कारण यह हिंदी पखवारे अपने उद्देश्य में अत्यंत सफल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से रूस, जापान व जर्मनी जैसे देशों ने अपनी मातृभाषा को प्राथमिकता दी है, उसी प्रकार भारत की प्रगति का मार्ग विकसित राजभाषा से ही प्रशस्त होगा. दर्शनशास्त्रत्त् के डॉ. चंद्रभूषण सिंह ने राजभाषा व राष्ट्रभाषा के संबंध में अपने-अपने विचार रखे. कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. रामानुज कौशिक जी किया. राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. कार्यक्रम में डॉ. सुधीर कुमार राय, डॉ. मंजूर आलम, डॉ. प्रकृति राय, डॉ. सुरुचि उपाध्याय, डॉ.. नावेद अंजुम, डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह,डॉ. मुरलीधर त्रिपाठी, डॉ. पवन यादव, डॉ.आशुतोष शरण, डॉ.आशुतोष उपाध्याय, डॉ. नसीम अंसारी व डॉ प्रवीण कुमार समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.