मेरे लिए पद से ज्यादा विचारधारा बड़ी, मेरे लिए पद से ज्यादा विचारधारा बड़ी
कुशवाहा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, विचारधारा बड़ी है और इसी विचारधारा को बर्बाद करने की हो रही साजिश को नाकाम करने के लिए एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी विलय जदयू में करने का फैसला लिया।
बिहार सरकार में मंत्री न बनाए जाने को लेकर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को साफ किया है कि उनके लिए पद बड़ा नहीं है, बल्कि मिशन और विचारधारा बड़ी है।
मेरे बारे में प्रचारित की गईं भ्रामक खबरें
कुशवाहा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, विचारधारा बड़ी है। जदयू नेता ने आगे लिखा कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई हैं और की जा रही हैं।
पद नहीं मिलने पर कभी नहीं जताई नाराजगी
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को मालूम होना चाहिए अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराजगी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरूर मारी है।
विचारधारा को बचाने के लिए किया पार्टी का जदयू में विलय
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, विचारधारा बड़ी है और इसी विचारधारा को बर्बाद करने की हो रही साजिश को नाकाम करने के लिए एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी विलय जदयू में करने का फैसला लिया। हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था कि राज्य ही नहीं पूरे देश स्तर पर नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचारधारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है।
पार्टी के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म
कुशवाहा ने आगे कहा, मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री बनने पर नाराज होने की बात करने वाले महानुभावों मुझ पर कृपा कीजिए प्लीज।