भागलपुर: गंगा नदी में आये उफान की वजह से एनएच 80 सड़क पर पानी आ गया है. शुक्रवार दोपहर 12 बजे के करीब खानकित्ता-घोषपुर के बीच हाइवे पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. वहीं अन्य तीन जगहों पर भी बाढ़ का पानी हाइवे पर कभी भी आ सकता है. हाइवे के लेवल में पानी आ गया है. बाढ़ के पानी के दबाव से खानकित्ता-घोषपुर के बीच ही पुरानी पुलिया की रेलिंग में दरार आ गया है. इस पुलिया से पांच-10 मीटर दूर दूसरे नवनिर्मित पुलिया पर बाढ़ की पानी के अत्यधिक दबाव से खतरा मंडराने लगा है. पुलिया पर कई गड्ढे बने हैं और छड़ निकल गया है. दरअसल, यहां पर तीन पुलिया एक-दूसरे से 5-10 मीटर की दूरी पर है, जिसमें दो नवनिर्मित और एक पुरानी है. इसके अलावा बाबूपुर व नयाटोला जाने वाली रोड पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है. यह इलाका बाढ़ से घिर गया है.
हाइवे के बचाव की पहल नहीं
हाइवे के बचाव की दिशा में एनएच विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है और न ही मॉनीटरिंग हो रही है. पिछले साल इसको लेकर तैयारी की गयी थी. बाढ़ का पानी एनएच 80 पर चढ़ने के बाद इस पर भारी वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है. 12 चक्के की ओवर लोड ट्रक, हाइवा, ट्रैक्टर आदि वाहनों का गुजरना जारी है. जिन जगहों पर बाढ़ का पानी चढ़ा है वहां सबसे ज्यादा सड़क के धंसने की संभावना है. यह वही जगह है, जहां हर साल बाढ़ में हाइवे क्षतिग्रस्त हो जाता है. पिछले साल भी हाइवे बह गया था. इससे पहले साल 2016 के बाढ़ में भी टूट गया था.
नहीं हुआ बोल्डर पीचिंग का काम
ढाई साल पहले पटना की पलक इंफ्रा नामक ठेका एजेंसी जब सड़क बना रही थी, तो उन्होंने इस बात से एनएच विभाग को सचेत किया था कि एनएच के इस हिस्से की मिट्टी दलदली है. बाढ़ की पानी का जब कभी थोड़ा-बहुत भी दबाव बनेगा, तो इसका टूटना तय है. हालांकि, उन्होंने लिखित में एनएच विभाग को हाइवे के किनारे बोल्डर पीचिंग कराने का सलाह दी थी. एनएच विभाग ने 12 करोड़ का एस्टिमेट बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा भी था मगर, मिनिस्ट्री ने मंजूर नहीं किया था.
गांव डूबा, घर-द्वार छूटा
इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर फरक्का तक गंगा किनारे ऐसे कई गांव है, जो बाढ़ में पूरी तरह से डूब गये हैं. हर दिन कोई न कोई एक गांव बाढ़ में डूब रहा है. शुक्रवार को इंगलिश, फरका, घोषपुर आदि गांवों का हाल यह रहा कि बाढ़ का पानी बढ़ता गया और लोग घर खाली करते गये. बाढ़ पीड़ित ऊंचे स्थान की तलाश में निकल कर जा रहे थे. गांव से निकल रहे रंजीत ने बताया कि घर से सामान निकालने के दौरान उनका बक्सा पानी में बह गया. कई जरूरी कागजात थे. किसी तरह से अन्य समानों को लेकर गांव से बाहर आये हैं और अब रहने का ठिकाना ढूंढ़ रहे हैं. दुर्गापूजा से पहले घर लौटना मुमकिन नहीं लगता है. राधेश्याम ने बताया कि हर साल की यही दुर्गति है.
डेंजर लेवल से 25 सेंटीमीटर ऊपर गंगा
गंगा जलस्तर में वृद्धि के साथ शुक्रवार को यह डेंजर लेवल से 25 सेंटीमीटर ऊपर रहा. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को जलस्तर स्थिर रहेगा मगर, खतरा अभी टला नहीं है. पूर्वानुमान है कि शाम चार बजे तक एक सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग की सूचना के अनुसार शनिवार को सुबह तक बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से साधारण बारिश होने की संभावना है. इधर गंगा का डेंजर लेवल 33.68 मीटर निर्धारित है. बढ़ोतरी के साथ रात आठ बजे तक जलस्तर 33.93 मीटर पर था.