157 बच्चों का नामांकन, स्कूल में मिले सिर्फ छह, चार में तीन शिक्षक भी मिले एबसेंट

Update: 2022-11-10 11:13 GMT
मोतिहारी। मोतिहारी जिला ऐसा है, जहां के शिक्षा विभाग पर सबसे ज्यादा से सबसे ज्यादा गड़बड़िया सामने आती रही हैं। अब तक विभागीय स्तर पर यह गड़बड़ी मिलती थी, लेकिन जब स्कूलों की हकीकत की जांच की गई तो मामला और भी हैरान करनेवाला मिला। यहां एक स्कूल में बीडीओ,सीओ और उपप्रमुख निरीक्षण के लिए के गई। स्कूल में नामांकन 157 बच्चों को बताया गया, लेकिन उपस्थिति सिर्फ छह बच्चों की मिली। हद तो यह कि बच्चों के साथ 75 फीसदी शिक्षक गायब मिले। यहां तक कि पास में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद मिला।
दरअसल, डीएम के निर्देश पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ की जांच बुधवार को अरेराज बीडीओ व अरेराज सीओ द्वारा किया गया .बीडीओ द्वारा बहादुरपुर व सीओ द्वारा नवादा पंचायत के स्कूल,आंगनबाड़ी, पीडीएस,नलजल सहित योजनाओ की जांच करने पहुंची थी। जांच में स्कूल में बिना छूटी के तीन शिक्षक फरार मिले तो स्कूल में 157 नामांकित बच्चों में मात्र 6 बच्चे उपस्थित पाए गए।
वहीं एक आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया गया तो दो केंद्र पर स्थिति काफी दयनीय पायी गयी .बीडीओ अमित कुमार पण्डेय ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरई टोला पूर्वी में 185 बच्चे नामांकित में मात्र 92 बच्चे उपस्थित पाए गए। प्रथम तल्ला में किसी की कक्ष में खिड़की दरवाजा नही पाया गया. वही सभी वर्गकक्ष का फर्श टूटा हुआ पाया गया।
पीडीएस दुकान में अक्टूबर माह का राशन वितरण नही पाया गया। वहीं आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 163 पर बच्चे की उपस्थिति कम पायी गयी। वहीं पैक्स बंद पाया गया।
वही सीओ पवन कुमार झा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 43 बंद पाया गया .ग्रामीणों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र हमेशा बंद रहने की भी शिकायत किया गया.वही केंद्र संख्या 46 पर 25 बच्चों की उपस्थिति बनी थी लेकिन मात्र 17 बच्चे उपस्थित थे
बता दें कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओ के जांच के लिए डीएम शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर जिला के 27 प्रखंडो के चिन्हित दो तीन पंचायतों के जांच के लिए एडीएम,एसडीओ,बीडीओ,सीओ सहित अधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था ।डीएम द्वारा सप्ताह में दो दिन सरकार के कल्याणकारी योजना स्कूल पीडीएस,नलजल,आंगनबाड़ी,एमडीएम सहित योजनाओ की जांच अलग अलग अधिकारियों से कराकर गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर करवाई की जाती है ।
वही सभी योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है।लगातार जांच के बाद भी शिक्षा विभाग में सुधार होने का नाम ही नही ले रहा है।

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