बैकफुट पर आये शिक्षा सचिव, अब कहा- शिक्षकों को केवल जातीय गणना में लगाएं
बिहार: जातीय गणना के कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बैकफुट पर आ गए हैं. उन्होंने पहले फरमान जारी किया था कि शिक्षकों से शिक्षा देने के अलावा और कोई काम नहीं कराना है. उनसे अन्य कोई प्रशासनिक कार्य नहीं लिया जाए. अब केके पाठक ने एक नया आदेश जारी किया है. कहा है कि डीएम शिक्षकों को केवल जातीय गणना में लगाएं. इसके अलावा अन्य कोई प्रशासनिक कार्य नहीं लिया जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय ध्यान रखें कि विद्यालय पूरी तरह से शिक्षक विहीन ना हो जाए.
फरमान के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज
इससे पहले केके पाठक के जातीय गणना के कार्य में शिक्षकों को ड्यूटी पर नहीं लगाने वाले फरमान के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा था कि केके पाठक के कहने से कुछ नहीं होगा, सरकार को निर्णय लेना है. वहीं भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने कहा था कि केके पाठक ने जो आदेश जारी किया, वो सही है. शिक्षक अगर जनगणना करेंगे तो विद्यालय में कौन पढ़ाएगा? जदयू विधायक पंकज मिश्रा ने कहा था कि केके पाठक को जो बोलना है वह बोलें. सरकार के पास व्यवस्था है और कुछ भी हो जाए जातीय गणना होकर ही रहेगी. कांग्रेस प्रवक्ता आशित नाथ तिवारी ने कहा था कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन जातीय गणना का 80 फीसदी कार्य शिक्षकों ने किया है और ऐसे में दूसरे लोगों को लगाया जाएगा तो मेहनत और पैसा दोनों व्यर्थ होंगे. इसलिए इस बार यह कार्य शिक्षकों को करना चाहिए.