पटना में डेंगू की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. पिछले 24 घंटों के दौरान अकेले पटना में 351 नए मरीज मिले हैं. वहीं एक बच्चे की मौत हो गयी है. डेंगू को रोकने के लिए पटना नगर निगम दावा कर रहा है कि फॉगिंग और कूड़ा सफाई का अभियान चल रहा है. मगर जमीन पर इसका असर नहीं दिख रहा. शहर के ज्यादातर नाले खुले हैं. कॉलनियों में कूड़े का ढेर जमा है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने भी डेंगू को लेकर बिहार स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया है. उन्होंने तत्काल सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है.
डेंगू के हॉटस्पॉट में भी नहीं हो रही फॉगिंग
शहर के जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. वहां भी फॉगिंग का काम नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को सबसे अधिक अजीमाबाद में 79, बांकीपुर में 59, कंकड़बाग में 15, पटना सिटी में 11, नूतन राजधानी में 10 और पाटलिपुत्रा में 9 मरीज मिले हैं. जिले में अजीमाबाद, बांकीपुर, कंकड़बाग, आलमगंज, पाटलिपुत्रा, महेंद्रू, भीखना पहाड़ी, संदलपुर, बिस्कोमान कॉलोनी, पटना सिटी डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. इन कॉलोनी में एक साथ कई घरों के लोग डेंगू के शिकार हो गए हैं. निगम के तरफ से बड़ी लापरवाही ये है कि इन इलाकों में भी दवा का छिड़काव और फॉगिंग का काम नहीं किया जा रहा है. इससे मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है.
शहर के 90 प्रतिशत नाले खुले
शहर के 90 प्रतिशत नालें खुले हुए हैं. ऐसे में मच्छरों के प्रकोप से लोगों को बचाना बड़ी परेशानी है. हालांकि पटना नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम के द्वारा पूरे शहर में बड़े स्तर पर फॉगिंग और कूड़ा सफाई का काम हो रहा है. डेंगू के मच्छरों के रोकथाम के लिए लोगों की भागीदारी भी जरूरी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरुक कर रहा है.