जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग, बांका में किसानों का महाधरना

Update: 2022-08-18 13:07 GMT

न्यूज़क्रेडिट: newsnationtv

Banka: मॉनसून की मार झेल रहे बांका के किसान अब राहत के लिए सरकार के आदेश पर निर्भर हैं. किसानों की मांग है कि जिले में न के बराबर बारिश हुई. खेत सूखे हैं. फसल बर्बाद हो गई. ऐसे में जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर किसानों ने महाधरना दिया. बिहार में मॉनसून की बेरुखी ने अन्नदाता को बेबस कर दिया है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि किसान धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है. जिले के अमरपुर प्रखंड के सैंकड़ों ग्रामीण बस स्टैंड पर बैठ कर धरना दे रहे हैं और शासन-प्रशासन से जिले को 100 फीसदी सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं.

बांका में इस साल बारिश नहीं होने से किसान परेशान है. क्योंकि जिले में धान की रोपनी न के बराबर हुई है. कुछ किसानों ने पंप सेट के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाकर रोपनी जरूर की है, लेकिन गरीब किसान जो पंप सेट नहीं खरीद सकते उनके खेतों में दरारें पड़ गई हैं. आलम ये है कि इस बार सिर्फ 21 फीसदी के करीब धान की रोपनी हो पाई है. परेशान किसान अब शासन-प्रशासन ने मांग कर रहे हैं कि उनके इलाके को सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए. ताकि उन्हें सरकार की ओर से कुछ सहायता राशि मिल सके. अब अपनी मांग को शासन तक पहुंचाने के लिए किसानों ने धरना प्रदर्शन का रास्ता अपनाया है.

वहीं, अन्नदाता की परेशानी को लेकर पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मृणाल शेखर का कहना है कि ये इलाका उपजाऊ है, लेकिन बारिश न होने के चलते इस बार किसानों की परेशानी बढ़ गई है. मृणाल शेखर ने साथ प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की चिंता नहीं है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शासन की ओर से क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया तो वो किसानों के साथ इसी तरह धरना प्रदर्शन करेंगे.

बहरहाल, इस बार बिहार में बांका समेत कई ऐसे जिले हैं जहां बारिश न होने के चलते फसलें बर्बाद हो रही हैं. ऐसे में किसानों की ये मांग शासन तक पहुंच पाती है या नहीं.. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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