राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की कांग्रेस की मांग
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अररिया। ऑल इंडिया ओबीसी स्टूडेंट एसोसिएशन ने भारत सरकार के कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को ज्ञापन के माध्यम से कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं अधिवक्ता इन्तेखाब आलम ने भी ऑल इंडिया ओबीसी स्टूडेंट एसोसिएशन की मांगों का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की है। आलम ने पत्र में बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च की ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा कृषि और संबद्ध पाठ्यक्रमों मे राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की यूजी की 15 फिसदी एवं पीजी और पीएचडी की 25 फिसदी सीटे ऑल इंडिया कोटा से भरी जाती है।राज्य कृषि विश्वविद्यालय के ऑल इंडिया कोटा से भरी जाने वाली सीटो मे 27 फिसदी ओबीसी आरक्षण लागू नहीं है।
जबकि केंद्रीय और राज्य कृषि शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटे के तहत एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए क्रमश 15 फिसदी और 7.5 फिसदी सीटें आरक्षित हैं।ओबीसी आरक्षण लागू नही होने के वजह से लगभग 600 यूजी , 569 पीजी और 209 पीएचडी ओबीसी सीटे प्रत्येक वर्ष अनारक्षित कोटे में चली जा रही है, जिसके वजह से ओबीसी छात्रों को प्रत्येक वर्ष लगभग 27 फिसदी ओबीसी सीटों का नुकसान हो रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप कृषि विश्वविद्यालयों ओबीसी छात्रों के नामांकन के अवसर लगातार कम होते जा रहे है। हाल ही में भारत सरकार के द्वारा यूजी और पीजी मेडिकल एवं दंत पाठ्यक्रम मे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत भरी जाने वाली सीटो पर ओबीसी के लिए 27 फिसदी आरक्षण लागू करके एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इससे देशभर के ओबीसी छात्र अब इसका लाभ ले सकेंगे। ओबीसी छात्रों का कहना है कि जब ओबीसी आरक्षण मेडिकल कोर्सेज मे लागू किया गया तो उसी समय कृषि शिक्षा में इसे क्यों नही लागू किया गया।