मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेड़िया गांव में शनिवार की सुबह विद्युत करंट के चपेट में आकर एक बच्चे की मौत हो गई। मृतक उसी गांव के संतोष यादव के 8 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार था। परिजनों ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही और अस्पताल में चिकित्सकों की अनुपलब्धता से बच्चे की मौत हुई है।
प्राप्त जानकारी अनुसार गोलू शनिवार की सुबह अपने गांव में बच्चों के साथ खेल रहा था। खेलते खेलते वह बिजली के खंभे के पास चला गया और जैसे ही बिजली के खंभे को उसने स्पर्श किया तो उसमें पहले से ही करंट दौड़ रहा था। जिसकी जानकारी गोलू को नही थी। उसी खम्भे में दौड़ रही विद्युत धारा की चपेट में आकर गोलू गिर पड़ा।
आनन-फानन में परिजन गोलू को सदर अस्पताल औरंगाबाद लाया मगर चिकित्सकों के ना रहने पर उसे इलाज की सुविधा नहीं मिली और उसने दम तोड़ दिया। औरंगाबाद विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह वर्तमान जिला पार्षद अनिल यादव ने बताया कि सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में चिकित्सक मौजूद नहीं थे। क्योंकि पूर्व में जो चिकित्सक की ड्यूटी थी वह ड्यूटी पूरा करके चले गए और इसके बाद जिनकी ड्यूटी थी वह पटना से आते हैं। लेकिन समय पर नहीं पहुंच सके जिसके चलते बच्चे का इलाज नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई।
लोगो ने आरोप लगाते हुए बताया कि बच्चे की मौत का पूरा दोष बिजली विभाग और चिकित्सक का अस्पताल में समय पर मौजूद नहीं होना है। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग कभी भी यह देखने की कोशिश नहीं करता है कि कहां और किस पोल में विद्युत तार प्रवाहित हो रही है या कहां तार झूल रहा है।
अनिल यादव ने बताया कि इस संदर्भ में जिलाधिकारी से बात हुई और उन्होंने इस मामले में दु:ख जताते हुए व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही है। घटना के बाद से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है।