BJP ने कहा- माफी मांगो या इस्तीफा दो, पटना SSP ने PFI ट्रेनिंग की तुलना RSS शाखा से की, बिहार में राजनीतिक बवाल
बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) दफ्तर पर पुलिस छापे से आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के खुलासे के सिलसिले में मीडिया से बात करते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो द्वारा पीएफआई की ट्रेनिंग की तुलना आरएसएस की शाखा से करने से राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है। बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एसएसपी से माफी की मांग की है या फिर भारतीय पुलिस सेवा - आईपीएस - से इस्तीफा देकर खुली राजनीति करने की नसीहत दी है।
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पटना पुलिस के छापे और इस दौरान दो संदिग्धों की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा था- "इसका जो मोडस था कि ये लोग, जैसे शाखा होती है, आरएसएस अपनी शाखा ऑर्गेनाइज करते हैं, और लाठी की ट्रेनिंग देते हैं, उसी तरह से ये लोग शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे। उसी के साथ अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा के जरिए युवकों का ब्रेनवाश कर रहे थे।"
इस पर बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। निखिल आनंद ने कहा है- "IAS-IPS अधिकारियों को राजनीति एवं वैचारिक प्रभाव से ऊपर माना जाता है। पटना एसएसपी का पीएफआई की आरएसएस से तुलना करने वाला बयान शर्मनाक और अत्यंत निंदनीय है। इन अधिकारियों के पास कोई पूर्वाग्रह और पूर्वकल्पित धारणा नहीं होनी चाहिए। वे माफी माँगे और राजनीति करना है तो इस्तीफा दें।"
पटना पुलिस ने 11 जुलाई की रात फुलवारीशरीफ इलाके के नया टोला में अहमद पैलेस नाम के एक मकान में छापा मारकर मकान मालिक मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दारोगा है। पुलिस ने पीएफआई के दफ्तर से पीएफआई के मिशन 2047 का दस्तावेज भी बरामद किया है जिसके मुताबिक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश में ये लोग लगे थे।
6-7 जुलाई को पीएफआई दफ्तर में ट्रेनिंग के लिए बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया गया था जहां मार्शल आर्ट्स वगैरह की ट्रेनिंग देने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि प्रशिक्षण में आए लोगों को नेटवर्क बढ़ाने, अपने-अपने इलाकों में लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा गया था। प्रशिक्षण देने के लिए केरल, हैदराबाद और कर्नाटक से पीएफआई के लोग आते थे।