पटना। बिहार के डीजीपी एसके सिंघल एक बार फिर चर्चा में हैं। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के लिए पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर ठगी का शिकार हो चुके डीजीपी को एक बार फिर से साइबर ठगों ने निशाना बनाया है। डीजीपी एसके सिंघल का फोटो लगाकर व्हाट्सएप पर पदाधिकारियों से रुपये मांगने का मामला सामने आया है। इस मामले आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) के सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र की रिपोर्ट पर 26 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इस मामले में ईओयू ने आईपीसी की धारा 419 और 420 के साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66सी व 66डी का इस्तेमाल करते हुए प्राथमिकी नंबर 32/2022 दर्ज किया। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 26 सितंबर को ईओयू में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रसाद को सूचना मिली कि डीजीपी संजीव कुमार सिंघल के नाम और फोटो का दुरुपयोग हो रहा है।
दरअसल, मोबाइल नंबर +919625784766 से विभिन्न पुलिस पदाधिकारियों के साथ ठगी का प्रयास किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है। फिर इस मामले की जांच की गई, जिसमें यह मामला सही पाया गया। सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रसाद के बयान पर ही ईओयू के थाना में दर्ज हुई प्राथमिकी के बाद जांच की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर स्तर के एक पुलिस अधिकारी को सौंपी गई। मोबाइल नंबर +919625784766 का यूजर कौन है? इसे कौन शख्स इस्तेमाल कर रहा था? आखिर ये बेखौफ शातिर कौन है, जिसने पुलिस अफसरों को ठगने के लिए डीजीपी के ही नाम और फोटो का गलत इस्तेमाल किया? अभीतक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है। अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ईओयू की तरफ से यही बताया गया कि जांच चल रही है, केस जगह पर है और रुपयों के ट्रांजेक्शन का प्रयास हुआ था पर उसके पहले ही जानकारी मिल गई थी। लेकिन पुलिस अधिकारी यह बताने से हिचक रहे हैं कि कितने पुलिस अधिकारियों को ठगी के लिए मैसेज किया गया? किस तरह से उनसे रुपयों को ठगने की कोशिश हुई?