बिहार: प्रशांत किशोर बोले, जदयू और भाजपा के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रही जनता
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'अग्निपथ योजना' की घोषणा के बाद बिहार में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा की आपसी तनातनी जिम्मेदार ठहराते हुए निशाना साधा है।
उन्होंने रक्षा सेवाओं में अल्पकालिक संविदा भर्ती योजना के खिलाफ 'अहिंसक' प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर आंदोलन होना चाहिए लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ नहीं।
किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, बिहार की जनता जदयू और भाजपा के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रही है। बिहार जल रहा है और दोनों दलों के नेता अग्निपथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मुद्दे को सुलझाने के बजाय आपस में लड़ने पर लगे हैं। प्रशांत किशोर की यह टिप्पणी जदयू और भाजपा के बीच नए सिरे से शुरु हुए वाकयुद्ध के एक दिन बाद सामने आई है।
भाजपा ने नीतीश कुमार सरकार को भगवा पार्टी के नेताओं के आवासों हमलों को रोकने में असमर्थता के लिए जिम्मेदार ठहराया। बिहार भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने शनिवार को राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य में हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए उसका प्रयास अपर्याप्त था।
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को बिहार के उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी और जायसवाल और उनकी पार्टी के कई कार्यालों व घरों में तोड़फोड़ की। जायसवाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा, ''केंद्र सरकार ने फैसला लिया। दूसरे राज्यों में भी इसका विरोध हो रहा है। युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिए वे विरोध करने उतरे। हम हिंसा को स्वीकार नहीं कर सकते। लेकिन बीजेपी को यह भी सुनना चाहिए कि इन युवाओं को क्या चिंता है। इसके बजाय भाजपा, प्रशासन को दोष दे रही है।"
सिंह ने यह भी पूछा, "इस सब से प्रशासन का क्या लेना-देना है? भाजपा, आंदोलनकारियों के गुस्से को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए प्रशासन को दोषी ठहरा रही है। इस योजना के खिलाफ कई भाजपा शासित राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। क्यों जायसवाल उन राज्यों में सुरक्षा बलों की निष्क्रियता के बारे में बात नहीं कर रहे हैं जहां उनकी पार्टी शासन कर रही है?"
इस बीच छात्रों के आंदोलन के कारण पूर्वी मध्य रेलवे ने रविवार को कम से कम 14 ट्रेनों को रद्द और पुनर्निर्धारित किया। बिहार में पिछले कुछ दिनों में 'अग्निपथ' के खिलाफ नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा हिंसा और आगजनी देखी गई।
पुलिस बल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 18 जून को राज्यभर से कुल 250 लोगों को गिरफ्तार किया है और 25 प्राथमिकी दर्ज की हैं।