बिहार : हर महीने बढ़ रही मरीजों की संख्या, डॉक्टरों की कमी के वजह से कई प्रमुख इलाज बंद
जनता से रिश्ता : सदर अस्पताल में हर महीने मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवा में मरीजों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन स्वीकृत पद के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों की पद रिक्त है जिसके कारण सदर अस्पताल रेफर अस्पताल बनकर रह गया है। नेत्र रोग विशेषज्ञ व नेत्र सहायक के पद रिक्त रहने से अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मोतियाबिंद का ऑपरेशन बंद है। जिले का सदर अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल है जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों एवं पड़ोसी जिला सारण और समस्तीपुर जिले से घटना-दुर्घटना में जख्मी से लेकर अन्य मरीजों का इलाज के लिए मरीज आते है, लेकिन उन्हें मलहम पट्टी करके रेफर टू पीएमसीएच भेज दिया जाता है। सदर अस्पताल में वर्षों से चिकित्सकों की कमी बनी हुई और जितने चिकित्सक पदस्थापित है
वे अपने इमरजेंसी व ओपीडी ड्यूटी के दिन आते हैं। जानकारों का कहना है कि कार्यरत चिकित्सक प्रतिदिन समय से अस्पताल पहुंचे तो ओपीडी व इमरजेंसी सेवा में मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा मिल सकता है। सदर अस्पताल में कुल चिकित्सकों की कुल स्वीकृत पद 86 जिसमें 49 चिकित्सक कार्यरत है और 37 चिकित्सक का पद रिक्त बताया गया है। चिकित्सकों के रिक्त पदों में फिजिशियन के 05, जेनरल सर्जन 01, स्त्री रोग विशेषज्ञ के 01, चर्मरोग के 02, मूर्च्छक के 06, नेत्र रोग विशेषज्ञ के 02, रेडियोलॉजिस्ट के 04, पैथोलॉजिस्ट 02, सामान्य चिकित्सक व महिला चिकित्सक के 04, आयुष फिजिशियन के 06 पद रिक्त बताया गया है। सदर अस्पताल में प्र्रतिदिन लगभग 100 मरीजों का ओपीडी ड्रेसिंग व माइनर ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन ड्रेसर के 03 पद स्वीकृत है जिसमें तीनों पर रिक्त है।
सोर्स-HINDUSTAN