एक तरफ कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है तो वहीं बिहार के कई ऐसे जिले हैं जहां इस साल भी कम बारिश हुई है. जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है. किसान सुखाड़ की आहट से ही सहम गए हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि सरकार की तरफ से किसानों को कोई मदद नहीं की जा रही है. ऐसे में उनकी परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है. बस किसी तरह किसान अपनी फसल को बचाने में लगे हुए हैं. हालांकि जिले में डैम भी है, लेकिन पानी कम होने के कारण इस बार पानी दिया ही नहीं गया.
किसानों की क्यों बढ़ी बेचैनी
दरअसल, बिहार में सुखाड़ की आहट से किसानों की बेचैनी अब बढ़ गई है. धान की खेती करने वाले किसान अब तक धान की फसल की रोपनी नहीं कर पाए हैं. कुछ किसानों ने किसी तरह पैसे का जुगाड़ कर पम्पसेट से खेती करना शुरु कर दिया है, लेकिन अब बड़ी बात ये है कि अब तक किसानों को सरकार की तरफ से किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है ना ही कोई मदद मिली है. फिलहाल इस धुप से धान का बिचड़ी को बचाने में किसान लगे हुए हैं. इंजन से पानी देकर किसी तरह धान के बिचड़े को बचा रहे हैं. हालांकि बांका जिले में सात डैम है. जिसमें पानी काफी कम होने के कारण सिंचाई विभाग के द्वारा नहर में पानी नहीं दिया गया है. किसानों का कहना है कि अगर बारिश नहीं होगी तो हम भुखमरी के कगार पर जा सकता हैं.