सीएम नीतीश कुमार ने RJD कोटे के मंत्री का एक आदेश कैंसिल कर दिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने विभाग के 480 कर्मियों के ट्रांसफर का आदेश जारी किया था. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आदेश को खारिज कर दिया है. राजस्व एवं भूमि विभाग ने 30 जून को भारी पैमाने पर अंचलाधिकारी, राजस्व पदाधिकारी समेत अन्य अफसरों को इधर से उधर किया था. बताया जा रहा है कि सीएम को तबादले को लेकर काफी शिकायतें मिली थी. इसके बाद सीएम नीतीश ने ये फैसला लिया है. वहीं, ट्रांसफर पर रोक के बाद विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है.
सीएम नीतीश ने बताई ये वजह
वहीं, इस मामले पर सीएम नीतीश ने कहा कि जब जरूरत पड़ती है तब वह काम किया जाता है और हमें कुछ सूचना मिली. सूचना के आधार पर हमने इस आदेश को रद्द किया. बाद में फिर से नए तरिके से ट्रांसफर किया जाएंगे और उन सभी बातों को लेकर नियम हम बताए हैं कि कैसे ट्रांसफर किया जाता है. अगर उसके अलावा अगर कुछ हो गया इसके बारे में अनेक तरह से बातें आए इसलिए उसको रोक दिया गया है और विभाग को समझना चाहिए. वहीं, RJD कोटे के अधिकारियों के तबादले रुकने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब गलत बात है ऐसी कोई बात नहीं है. सब लोग एक साथ हैं. सब को समझा दिया गया है और इसमें कोई RJD और JDU की बात नहीं है.
मामले पर सियासत शुरू
वहीं, बिहार में अब सीएम नीतीश के फैसले पर सियासत भी शुरु हो गई है. नीतीश कैबिनेट में मंत्री मदन सहनी ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब नीतीश ने ट्रांसफर पोस्टिंग को रद्द किया है. वे पहले भी कई बार कर चुके हैं. वहीं, बीजेपी ने नीतीश के इस फैसले पर निशाना साधा है.
RJD ने कहा सब ठीक है
वहीं, इस मामले पर RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि 1 महीने पहले मंत्री जी ने ट्रांसफर किया था, लेकिन किसी कारणों की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल रद्द कर दिया. इसका मतलब यह नहीं कि RJD और JDU में आपसी मतभेद है. ट्रांसफर को रद्द करने का काम नीतीश कुमार के विशेषाधिकार में है. इसको किसी भी तरीके से मतभेद के रूप में ना देखें और RJD कोटे से ही ट्रांसफर को नहीं रोका जा रहा है. इससे पूर्व में JDU कोटे से कई अधिकारियों के ट्रांसफर को रद्द किया गया था.
क्या है पूरा मामला ?
जून में हुई थी 480 अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग
राजस्व एवं भूमि सुधार के अधिकारियों का हुआ था तबादला
सबसे ज्यादा अंचल अधिकारियों का किया गया था ट्रांसफर
ट्रांसफर पोस्टिंग में नियमों का नहीं रखा गया था ध्यान
ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़ी की मिली शिकायत
तबादले में 3 साल के नियमों का नहीं रखा गया ख्याल
विशेष परिस्थिति को छोड़ 3 साल से पहले नहीं किया जाता ट्रांसफर
70 फीसदी अंचलाधिकारियों का 3 साल से पहले किया गया ट्रांसफर
तबादलों से जुड़ी कई शिकायतें मिलने के बाद सीएम ने फैसला पलटा