बिहार | कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर विश्वविद्यालय सख्त है. शिक्षकों की उपस्थिति की बात हो या फिर छात्रों की, दोनों की उपस्थिति को लेकर नियम बनाए गए हैं. शिक्षकों की उपस्थिति के लिए तो कॉलेजों में बायोमेट्रिक की व्यवस्था है लेकिन अब तक किसी भी महिला कॉलेज में छात्राओं के बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने की कोई व्यवस्था नहीं है.
बता दें कि कॉलेजों में शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था कई साल पहले से लागू है. गंगा देवी महिला कॉलेज की प्राचार्या प्रो. मणिबाला ने बताया कि कॉलेज में शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक से बनती है. साथ ही रजिस्टर पर भी उनका रिकॉर्ड रखा जाता है. यह व्यवस्था पटना के सभी महिला कॉलेजों में है. वहीं छात्राओं की उपस्थिति रजिस्टर पर बनाई जाती है. छात्राओं के बायोमेट्रिक या डिजिटल उपस्थिति की कोई व्यवस्था अब तक इन कॉलेजों में नहीं हुई है. मैनुअली उपस्थिति बनाने में गलती होने की भी गुंजाइश होती है. प्राध्यापक पीयूष ने कहा कि बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था होने पर समय बचेगा. साथ ही उपस्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में भी सहूलियत होगी.
छात्राएं बनवा लेती हैं हाजिरी छात्राएं प्रॉक्सी से भी हाजिरी बनवा लेती हैं. प्रॉक्सी यानी जो छात्राएं अनुपस्थित होती हैं उनकी जगह दूसरी छात्रा उनकी हाजिरी बनवा लेती हैं.
पहली बार मगध महिला कॉलेज में (रेडियो आवृत्ति पहचान कार्ड) आरएफआइडी सिस्टम लागू हुआ था. इससे छात्राओं के कॉलेज में प्रवेश करते ही उनके अभिभावकों को संदेश मिल जाता था, लेकिन अब यह भी बंद हो चुका है.
एमएमसी की एक छात्रा ने बताया कि उनकी उपस्थिति हाजिरी रजिस्टर में ही बनाई जाती है.