80 वर्षीय बुजुर्ग करेगा सुनीता की मदद, झोलाछाप डाॅक्टरों के चक्कर में गंवाई थी किडनी
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मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में किडनी गंवा चुकी सुनीता देवी के लिए 80 साल के बुजुर्ग मददगार बनकर आया है। दरअसल, गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर सुनीता देवी की निजी क्लीनिक में डॉक्टरों ने किडनी निकाल ली थी। अब सुनीता जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। वहीं साधारण परिवार से संबंध रखने वाले बुजुर्ग ने महिला को किडनी देने का फैसला लिया हैं।
2 महीने से डायलिसिस मशीन में है सुनीता
दरअसल, सुनीता का ऑपरेशन 3 सितंबर को हुआ था। पिछले 2 महीने से सुनीता को डायलिसिस मशीन में रखा गया है। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने कहा कि सुनीता के किडनी डोनर के विषय में कोई सूचना नहीं आई है। किडनी डोनेट करने की एक विशेष प्रक्रिया होती है। मरीज के सभी जांच और हिस्टो कंपेटिब्लिटी टेस्ट होने के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया हो सकती हैं।
बिजली मिस्त्री का काम करते है- श्यामनंदन
वहीं मुजफ्फरपुर के ही बालूघाट के रहने वाले 80 वर्षीय श्यामनंदन सिंह ने सुनीता को अपनी किडनी देने की पेशकश की हैं। यह बुजुर्ग एक सामान्य परिवार से संबंध रखते है और बिजली मिस्त्री का काम करते हैं। श्यामनंदन सिंह ने शादी नहीं की है। श्यामनंदन का कहना है कि उनकी इच्छा थी कि वह अपने शरीर का कोई अंग दान करें। इसी बीच जब सुनीता के बारे में उन्होंने सुना तो वह किडनी देने के लिए तैयार हो गए।
"मैं सुनीता को अपनी किडनी देने के लिए तैयार हूं"- बुजुर्ग
बता दें कि बुजुर्ग श्याम सुंदर सिंह ने कहा है कि मेरी किडनी से सुनीता की जिंदगी बच जाएगी तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। मैं सुनीता को अपनी किडनी देने के लिए तैयार हूं। साथ ही कहा कि जब बीते दिन पहले मैंने सुनीता से मिलकर किडनी देंगे कि बात कही तो उस दौरान सुनीता रोने लगी। मैंने तो जिंदगी जी ली है, लेकिन सुनीता की अभी उम्र ज्यादा है। उसे किडनी की ज्यादा आवश्यकता हैं। वहीं, सुनीता के 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं।