पूर्णिया के किसान पारंपरिक खेती से अलग बड़े पैमाने पर सेब, अमरूद और नींबू की खेती कर रहे हैं. यह खेती पूर्णता जैविक तरीके से की गई है. उनके इस उद्यानिकी फसलों के बागान को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और विपरीत जलवायु में फसल उगाने की तकनीक को भी समझते हैं. ये काम पूर्णिया बनमनखी के 75 वर्षीय किसान राजेंद्र प्रसाद साह कर रहे हैं. जिन्होंने अपने 6 एकड़ जमीन में सेव, नींबू और अमरूद की बेहतरीन फसल लगाई है .
राजस्थान से मंगाए गए पौधे
राजेंद्र प्रसाद शाह कहते हैं कि सेव यू तो ठंडे प्रदेशों में उगाया जाता है, लेकिन राजस्थान से मंगाए गए सेब के पौधे गर्म प्रदेशों के लिए भी अनुकूल है. ठीक उसी तरह अमरूद और नींबू की प्रजाति भी है. सभी पौधे पर रोज नजर रखने वाले साह ने बताया कि अभी सभी पौधे 6 महीने के भी नहीं हुए हैं, लेकिन आने वाले वर्ष में इसमें फलन शुरू हो जाएगा. जिसकी मांग स्थानीय बाजारों के साथ साथ बाहर भी होगी .
महज आधे घंटे में हो जाती है सिंचाई
इनके बागानों की देखरेख करने वाले कहते हैं कि पूरे बागान में महज आधे घंटे में टपक सिंचाई विधि से पटवन हो जाता है. वहीं, पूर्णतः जैविक तरीके से सेब नींबू और अमरुद के पौधे लगाए गए हैं. पूर्णिया ओर आसपास के जिलों में पहली बार बड़े पैमाने पर एक साथ सेव, अमरूद और नींबू की खेती जैविक तरीके से की गई है. जो दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत है.