15 अगस्त 1947 : तीन दिनों तक जश्न में डूबा रहा पटना
तीन दिनों तक जश्न में डूबा रहा पटना
15 अगस्त 1947 : तीन दिनों तक जश्न में डूबा रहा पटना
देश आजाद हो गया है। पूरे पटना शहर में तिरंगा लहरा रहा है। मुरादपुर बाटा शू के पास महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की बड़ी तस्वीर लगी है। फ्रेजर रोड पर बांकीपुर जेल को भी सजाया गया है। स्वतंत्रता दिवस समारोह का आधिकारिक आयोजन पटना फ्लाइंग क्लब में हुआ। यहां राज्यपाल जयराम दास दौलत राम व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह शामिल हुए। बड़ी संख्या में लोगों ने तिरंगे को सलामी दी।
पटना सेलिब्रेशन कमेटी की ओर से मुख्य आयोजन बांकीपुर मैदान (गांधी मैदान) में हुआ। मैदान में राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक सहित सभी संगठनों के लोग मौजूद रहे। सुबह साढ़े आठ बजे बिहार प्रांत कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन महामाया प्रसाद सिन्हा ने तिरंगा फहराया। भारत माता की जय और वंदे मातरम् के उद्घोष से मैदान गूंज उठा। दिन भर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। शाम को जमकर आतिशबाजी हुई। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का संदेश पढ़कर सुनाया गया। राज्यपाल जयराम दास दौलतराम और मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह भी शाम के समारोह में शामिल हुए।
आधी रात को आजादी मिलने की घोषणा हो गई थी। कई लोग पूरी रात सो नहीं पाए। गलियों में आजादी की चर्चा होती रही। सुबह होते-होते पूरा शहर तिरंगे से पट गया। सभी अपने-अपने मोहल्ले में हो रहे समारोह में शामिल होने निकल पड़े।
बालिका विद्यालय
यहां छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ड्रिल के बाद वंदे मातरम् का गान हुआ। यहां राष्ट्रीय ध्वज डॉ. डीएन सेन ने फहराया। उसके बाद मिस बी देव ने छात्राओं को राष्ट्रीय झंडा का महत्व बताया था।
साइंस कॉलेज
यहां तीन दिन के समारोह का आयोजन किया गया था। झंडा आचार्य बदरीनाथ ने फहराया था। इस अवसर पर कॉलेज बिल्डिंग को भव्य तरीके से सजाया गया था। छात्रों की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। 17 अगस्त को वीसी को राष्ट्रीय झंडा भेंट करने के साथ ही समारोह समाप्त हुआ।
हाईकोर्ट
स्वतंत्रता आंदोलन में वकीलों की अहम भूमिका थी। इसलिए यहां का जश्न चरम पर था। मुख्य न्यायाधीश ने सवा नौ बजे सुबह तिरंगा फहराया था। उसके बाद वंदे मातरम् का गान हुआ था। इससे पहले महावीर प्रसाद, बैरिस्टर एट लॉ एडवोकेट जनरल ने समारोह में मौजूद लोगों को तिरंगे का महत्व बताया।
पटना सिटी
मुख्य आयोजन मंगल तालाब पर हुआ था। यहां व्यापारी आजादी के जश्न में डूबे हुए थे। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सजाया गया था। मंगल तालाब पर हुए समारोह में चौक थाना कांग्रेस अध्यक्ष जग्गी लाल ने झंडा फहराया था।