यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के लंबित मामलों को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आई

Update: 2023-02-12 10:52 GMT

गुवाहाटी।यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के लंबित मामलों को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आईहै। इसके तहत असम में दिसंबर 2022 तक 3,881 मामले लंबित हैं जिसके साथ ही वो पूर्वोत्तर क्षेत्र में सूची में सबसे ऊपर है। वहीं, मिजोरम ने पूर्वोत्तर समेत पूरे देश में सबसे कम 36 के आंकड़े के साथ सबसे कम वाला है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में ये आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।

 और बढ़ेगा बोझ

पिछले 10 दिनों में, असम में बाल विवाह पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है और सैकड़ों लोगों पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद लंबित मामलों का बोझ और बढ़ सकता है।

तीन गुना से अधिक हुई संख्या

सांसद रविकुमार डी के सवाल के जवाब में रिजिजू ने यह कहते हुए डेटा प्रस्तुत किया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान असम में ऐसे लंबित मामलों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है। जबकि राज्य में लंबित मामले 31 दिसंबर, 2020 तक 1,211 थे। यह आंकड़ा 31 दिसंबर 2021 को बढ़कर 3,023 हो गया। यह पिछले साल 31 दिसंबर को बढ़कर 3,881 हो गया। यहां तक ​​कि 1,861 मामले, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक थे उनका निस्तारण किया गया। हालाँकि, असम में कार्यात्मक फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों (FTSCs) की संख्या 2020 में 7 से बढ़कर 2021 में 15 हो गई और बाद में 2022 में 17 हो गई। सालाना निपटाए जाने वाले मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है।

मामलों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित

मामलों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में 389 विशेष पॉक्सो अदालतों सहित 1,023 एफटीएससी की स्थापना के लिए अक्टूबर, 2019 में एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) शुरू हुई। रिजिजू ने बताया कि एफटीएससी योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक अदालत प्रति वर्ष 165 मामलों का निपटारा करेगी। असम में 2020 में केवल 36 पॉक्सो मामलों का निस्तारण किया जा सका लेकिन यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 818 और पिछले साल 1,861 हो गया।

​मिजोरम सबसे फास्ट

मिजोरम पिछले कुछ वर्षों में लंबित मामलों की संख्या की तुलना में पॉक्सो अधिनियम के तहत पंजीकृत अधिक मामलों का निपटान करने में सक्षम रहा है। 2020 में मिजोरम के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं था, लेकिन 31 दिसंबर, 2021 तक पॉक्सो के लंबित मामले 40 थे। 2021 में कुल मिलाकर 47 मामलों का निस्तारण किया गया था। पिछले साल 31 दिसंबर तक लंबित मामलों की संख्या घटकर केवल रह गई थी। 36 में से 62 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

 पूर्वोत्तर राज्यों में ये मामला

नागालैंड 53 लंबित मामलों के साथ तीसरे तथा गोवा 51 लंबित मामलों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में मणिपुर में पिछले साल 31 दिसंबर तक 130 मामले लंबित थे, इसके बाद त्रिपुरा में 318 और मेघालय में 995 मामले लंबित थे।

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