जी-20 बैठक के लिए विजाग हवाई अड्डे के पास की झुग्गियों को 'कवर' किया गया
विशाखापट्टनम,(आईएएनएस)| ग्रेटर विशाखा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (जीवीएमसी) ने बंदरगाह शहर में हो रही जी-20 शिखर बैठक में से एक के मद्देनजर हवाई अड्डे से शहर तक सड़क के किनारे की झुग्गियों को ग्रीन शेड से ढककर विवाद खड़ा कर दिया है। पूर्व नौकरशाह और कार्यकर्ता ई.ए.एस. सरमा ने कहा कि ग्रीन शेड के पीछे झुग्गियों को छिपाकर, जीवीएमसी उन्हें विदेशी प्रतिनिधियों की नजरों से छिपाने की उम्मीद करता है। दो दिवसीय जी-20 शिखर बैठक मंगलवार को शहर में शुरू हुई, जिसमें विभिन्न देशों के करीब 200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कहा कि झुग्गियां जीवीएमसी और साल दर साल झुग्गी कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने में सरकार की विफलता का एक स्थायी प्रमाण हैं। सरमा ने कहा कि जीवीएमसी द्वारा स्वीकृत लेटेस्ट बजट में भी झुग्गी विकास के लिए बजट राशि का 40 प्रतिशत प्रदान करने के बजाय, निगम ने ठेकेदार द्वारा संचालित कार्यों के लिए धन आवंटित किया है, जो भ्रष्टाचार की भयावहता को दर्शाता है।
सरमा ने कवर की जा रही झुग्गियों की कुछ तस्वीरें जारी कीं है। उन्होंने एक बयान में कहा कि वे एक स्लम क्लस्टर की दयनीय स्थिति को दर्शाती हैं, जिसमें एक झुग्गी भी शामिल है जिसमें एक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) लगभग 60 चेंचू अमानवीय स्थिति में रहते हैं। यह झुग्गी एयरपोर्ट रोड पर थातिचेत्लापलेम में एएसआर नगर में हैं।
उन्होंने कहा, यह राज्य और सबसे वंचित समूहों के प्रति जीवीएमसी के तिरस्कारपूर्ण रवैये के अलावा और कुछ नहीं है।
कुछ दिनों पहले, जीपीएमसी ने केंद्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए, सड़क के किनारे के सैकड़ों रेहड़ी-पटरीवालों और विक्रेताओं को विस्थापित कर दिया था, उनकी दुकानों को नुकसान पहुंचाया था, जिसने उन्हें विशेष अधिकार प्रदान किए थे। कई विक्रेता समाज के सबसे वंचित वर्गों से संबंधित हैं। सरमा ने कहा कि यह उनके मानवाधिकारों पर सीधा हमला करने के अलावा और कुछ नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जीवीएमसी ने विजाग समुद्र तट पर पर्यावरण कानूनों, विशेष रूप से सीआरजेड मानदंडों का उल्लंघन किया है, जिससे मूल्यवान समुद्री संसाधनों को नुकसान पहुंचा है।
सरमा ने कहा कि जीवीएमसी ने स्पष्ट रूप से विशाखापट्टनम में सौंदर्यीकरण कार्यों पर करदाताओं के पैसे का 150 करोड़ रुपये खर्च किया है, और यह शर्म की बात है कि निगम में जनप्रतिनिधियोंको लोगों के प्रति जवाबदेह बने बिना नम्रता से ऐसा होने दिया।
--आईएएनएस