भारत को उपदेश देने से बाज आएं अमेरिका और जर्मनी

Update: 2023-03-31 06:53 GMT

राहुल : मानहानि के मामले में दोषी करार दिए गए राहुल गांधी की संसद सदस्यता खारिज होने पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता की टिप्पणी पर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने वहां के विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देकर उन आरोपों पर मुहर लगाने का ही काम किया, जिनसे राहुल दो-चार हैं। राहुल पर ये आरोप तभी से लग रहे हैं, जबसे उन्होंने लंदन में यह बयान दिया कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है और फिर भी अमेरिका एवं यूरोप बेपरवाह हैं।

राहुल की सफाई है कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था कि अमेरिका और यूरोप भारत में लोकतंत्र को लेकर हस्तक्षेप करें। यदि वह वास्तव में ऐसा ही चाह रहे थे तो फिर दिग्विजय सिंह जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के बयान पर इतने उत्साहित क्यों हो गए? आखिर उन्होंने उसके नासमझी भरे बयान पर उसे हद में रहने को क्यों नहीं कहा? यदि वह ऐसा नहीं कर सकते थे तो कम से कम चुप रहना चाहिए था। अभी तो ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता यह चाह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र की कथित खराब स्थिति को लेकर बाहर के देश बोलें।

इतने लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस को इसका आभास होना चाहिए कि यदि बाहर के देशों को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे। इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता की तरह अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी यह कह चुके हैं कि अमेरिका राहुल के मामले में नजर बनाए हुए है।

Tags:    

Similar News

-->