देर तक कुर्सी पर बैठकर काम करना पहुंचा सकता है अस्पताल के बेड पर

Update: 2023-05-23 15:28 GMT
अधिकतर समय तक कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहना कई शारीरिक परेशानियों को निमंत्रण देता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, जो लोग एक दिन में 9।5 घंटे से अधिक समय तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं उन लोगों को पोश्चर संबंधित समस्या काफी बढ़ जाती है। इसके साथ ही गर्दन, पीठ, घुटने, कंधे, हिप, लोअर बैक में दर्द और अकड़न होने लगती है। इसके अलावा मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोग कंफर्टेबल फर्नीचर का उपयोग करते हैं और स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई कम्यूटर पर सही तरीके या पोश्चर से बैठता है तो सेहत से जुड़ी समस्याओं से बच सकता है। ऐसे में आज हम आपको कम्प्यूटर डेस्क पर बैठने का सही तरीके के बारे में बताने जा रहे साथ ही यह भी बताएँगे की लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करने से सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं...
सही सिटिंग पोजिशन
झुके कंधे, झुकी गर्दन और घुमावदार रीढ़। ये सारे कम्यूटर डेस्क पर बैठने के गलत तरीके हैं। लंबे समय तक ऐसे बैठे रहने से शरीर में दर्द की शिकायत रह सकती है और साथ ही पोश्चर भी बिगड़ जाता है, रीढ़ की हड्डी में चोट लगने का डर भी बना रहता है, डिप्रेशन हो सकता है, मेटाबॉलिज्म पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते है तो कम्प्यूटर के सामने सही पोश्चर में बैठे साथ ही कुर्सी की ऊंचाई पर ध्यान देना चाहिए। कम्यूटर डेस्क पर बैठते समय ध्यान दें कि कुर्सी की ऊंचाई इतनी हो कि आपके पैर फर्श से स्पर्श करें और घुटने के पीछे की ओर 90 डिग्री का एंगल बन सके। हिप्स को हमेशा कुर्सी के पीछे चिपकाकर रखें। गर्दन हमेशा रीढ़ की हड्डी की सीध में होना चाहिए ताकि स्क्रीन देखने के लिए गर्दन नीचे ना झुकानी पढ़े। आँखों को स्क्रीन से करीब 20 इंच दूर रखे और कंधों को आराम की स्थिति में रखें न कि उन्हें आगे या पीछे झुकाकर रखें।
लगातार ना बैठें
एक्सपर्ट का कहना है कि एक बार में 30 मिनट से अधिक समय तक कम्यूटर स्क्रीन के सामने नहीं बैठना चाहिए। अगर आप 30 मिनट के बाद कुर्सी से उठकर थोड़ा टहल लेते है तो मसल्स और टेंडन में जकड़न नहीं होती है और थकान भी नहीं होती है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी सही बना रहता है जो सेहत के लिए बेहद जरुरी है।
कंफर्टेबल चेयर पर बैठें
हमेशा कंफर्टेबल, सपोर्टिव, एडजस्टेबल कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करना चाहिए। कुर्सी में हमेशा बैकरेस्ट (बैक सपोर्ट) होना चाहिए जो अपर और लोअर बैक को सपोर्ट देता है। इस सपोर्ट से रीढ़ की हड्डी कर्व में रहती है। इसके लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई कुर्सियां खरीदें, जो विशेष रूप से डेस्क सिटिंग के लिए बनाई जाती हैं। कुर्सी में हमेशा उसकी ऊंचाई, आर्मरिस्ट की ऊंचाई और बैकरेस्ट को एडजस्ट करने वाले फंक्शन होने चाहिए। कुर्सी में सिर हेडरेस्ट (सिर को सपोर्ट देने वाला हिस्सा) होना चाहिए। इसके साथ ही कुर्सी में कंफर्टेबल पेडिंग होना चाहिए, ताकि बैठते समय कंफर्टेबल रहें।
एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग
कम्यूटर डेस्क पर बैठकर भी कुछ एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग की जाती है। दरअसल, कुछ देर बैठने के बाद लोअर बैक, शोल्डर, कंधे आदि में अकड़न हो जाती है। एक्सरसाइज करने से थकावट महसूस नहीं होगी और मसल्स में अकड़न नहीं होगी।
माउस को दूर न रखें
माउस की गलत स्थिति आपको आगे झकने या फिर हाथों को दूर तक ले जाने के लिए मजबूर करती है इसलिए माउस को अधिक दूर न रखें बल्कि कीबोर्ड के पास ही रखें। टाइप करते या अपने माउस का उपयोग करते समय अपनी कलाइयों को सीधा रखें, हाथों को अपने शरीर के पास रखें और अपने हाथों को अपनी कोहनी के लेवल से हल्का सा नीचे रखें। माउस का कम उपयोग करने के लिए कीबोर्ड की शॉर्टकट का उपयोग कर सकते हैं।
ज्यादा देर तक बैठे रहने से हो सकती हैं कई बीमारियां
हाई ब्लड प्रेशर
लंबे समय तक बैठने से शरीर के कई अंगों को नुकसान हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। बिल्कुल नहीं या बहुत कम बैठने वाले लोगों की तुलना में लंबे समय तक बैठने वालों को इन बीमारियों के होने की दोगुनी आशंका होती है।
हार्ट और लंग्स की बीमारी का खतरा
ज्यादा देर तक बैठ कर काम करना महंगा पढ़ सकता है। ज्यादा देर तक काम करने से आपके लंग्स और शरीर के बाकी अंग में खून का बहाव कम हो जाता है। इससे आपके लंग्स में खून के थक्के जमने के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसका बुरा असर आपके दिल पर भी पड़ता है। ज्यादा बैठ कर काम करने से हार्ट प्रॉब्लम होने के चांसेज अधिक होते हैं।
आंतों के कैंसर का खतरा
स्टडी के मुताबिक लंबे समय तक बैठे रहने से कोलोन यानी आंतों का कैंसर भी बढ़ता है। इतना ही नहीं, किन्हीं कारणों से ब्रेस्ट और एन्डोमेट्रीअल कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है।
मांसपेशियों में कमजोरी
अक्सर लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। कूल्हे और पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्‍डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके।
गठिया
लंबे समय तक बैठे रहने से लोगों का वजन भी बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप कूल्हे और इसके नीचे के अंगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर के कम एक्टिव होने के कारण ही ऑस्टियोपोरोसिस यानी गठिया जैसी बीमारियां आम होती जा रही हैं।
दिमाग पर असर
लंबे समय तक बैठे रहने से दिमाग भी प्रभावित होता है। इसके काम करने की क्षमता पर असर होता है और काफी स्लो हो जाता है। मांसपेशियों के एक्टिव होने से दिमाग में खून और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचती है, जिससे दिमाग में ऐसे केमिकल बनते हैं जो उसे एक्टिव बनाते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह दिमाग के लिए खतरनाक हो सकता है।
बैड पॉश्चर सिंड्रोम
लगातार बैठे रहने से कमर पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। अगर आप लंबे समय तक बैठकर लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो बैड पॉश्चर सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं।
डायबिटीज का खतरा
सुस्त लाइफस्टाइल भी डायबिटीज का एक मुख्य कारण होता है। नॉर्वेगियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, लंबे समय तक बैठे रहने और सुस्त लाइफस्टाइल फॉलो करने वालों को डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है।
जोड़ों में तकलीफ
ज्यादा देर तक बैठने से हाथ पैर सुन्न हो जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बैठने से खून का प्रवाह कम होने लगता है। इस कारण लंबे समय तक बैठे रहने से बांहों पर भी बुरा असर पड़ता है। लगातार चलते-फिरते रहने वालों की तुलना में बैठ कर काम करने वाले ज्यादा बीमार होते हैं। इस तकलीफ से बचने के लिए आपको हर घंटे थोड़ा चलना चाहिए जिसके कारण आपके हाथ-पैर स्वस्थ रहेंगे।
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