कई बार अस्थमा मरीजों के लिए यह परेशानी का कारण बन जाता हैं। सर्दियों के दिनों में सर्द हवाओं और ठंड की वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी होने सकती है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज लंबे समय तक या फिर पूरी लाइफ चलता ही रहता है। अस्थमा के मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए उनमें संक्रमण का भी खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में सर्दियों के दिनों में आपको सतर्कता बरतते हुए बैक्टीरियल और वायरल समस्याओं से बचने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे में आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से अस्थमा मरीजों को बचना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में...
हाथों की सफाई ना होना
सर्दियों में बैक्टीरियल और वायरल समस्याएं बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आप अस्थमा रोगी हैं, तो अपना विशेष ध्यान रखें। सर्दियों के दिनों में अस्थमा रोगियों को वायरल और बैक्टीरियल समस्याओं से बचने के लिए अपना समय-समय पर हाथ होना जरूरी होता है, ताकि इससे कीटाणुओं को फैलने से रोका जा सके।
कॉफी का सेवन
कॉफी में सैलिसिलेट नामक केमिकल पाया जाता है जोकि एंटी-इंफ्लामेट्री दवाएं जैसे एस्प्रिन में पाया जाता है। इस केमिकल का सेवन करना अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उन्हें सांस लेने में समस्या हो सकता है।
मुंह से ना लें सांस
सर्दियों में अगर आप अपने फेफड़ों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपने मुंह को बंद रखें। दरअसल, मुंह के जरिए सांस लेने से शरीर में कई तरह का संक्रमण प्रवेश करने की संभावना होती है। वहीं, नाक से सांस लेने से आपके फेफड़ों को गर्माहट मिलती है। ऐसी स्थिति में कोशिश करें कि मुंह से सांस न लें। इससे अस्थमा की परेशानी बढ़ सकती है।
वाइन का सेवन
कई ऐसी वाइन और बीयर है जिनमें अधिक मात्रा में सल्फाइट्स पाया जाता जो जिसके कारण अस्थमा का अटैक आ सकता है। हालांकि कई शोधों में यह बात भी सामने आई है कि वाइन अस्थमा रोगियों के लिए नुकसानदेय नहीं है।
धुएं से बचें
सर्दियों में कई लोग ठंड से बचने के लिए आग चलाते हैं, अगर आपको भी आग लगाने की आदत है तो कोशिश करें कि आग से बनने वाले धुएं से दूर रहें। इसके अलावा तंबाकू और सिगरेट के धुएं से भी बचें। अस्थमा रोगियों के लिए धुआं काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इससे उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
प्रोसेस्ड फूड का सेवन
प्रोसेस्ड फूड की वजह से अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। खासतौर से यह बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। ग्रॉसरी स्टोर में कई ऐसे प्रोसेस्ड फूड पाए जाते हैं जिनमें प्रिजर्वेटिव और आर्टिफिशियल कैलोरी पाई जाती है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। फास्ट फूड, डीप-फ्राइड फूड्स, पैकेट फूड्स और फ्रोजन फूड्स अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाते हैं।
घटते वजन को अनदेखा करना
अस्थमा में अक्सर भूख लगना कम हो जाती है और कमजोरी भी महसूस होती है जिसके कारण वजन बहुत तेजी से कम होने लगता है। कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ के कारण त्वचा का रंग भी बदलने लगता है।