अक्सर आपने देखा होगा की पैरों की नसें (Veins of the feet) फूली हुई सी लगती हैं। जिसकी वजह से आप टेंशन में आ जाते हैं की ये क्या हो रहा है? लेकिन आप टेंशन न लें क्योंकि ये कोई बड़ी समस्या नहीं है। हां, यदि आपके पैर में सुन्नपन (Numbness) या फिर झनझनाहट (Jingling) फील हो और तब सूजन सी नजर आये तो बात घबराने वाली हो सकती है। दरअसल पैर हमारे शरीर का वो हिस्सा हैं, जिन पर शरीर का पूरा भार होता है। जब हम जरूरत से ज्यादा इन पर जोर देते हैं तो इस वजह से भी नसें फूल जाती है इसके अलावा कुछ और भी कारण हैं जिनकी वजह से पैरों की नसें फूल जाती हैं। आइये जानतें हैं की वो कौन-कौन से कारण हैं जिनकी वजह से नसें फूल जाती हैं।
एक्स्ट्रा एक्सरसाइज करने पर (Health Tips)
वैसे तो एक्सरसाइज सभी को जरूर करनी चाइये। लेकिन जरूरत से ज्यादा करना आपके पैरों के लिए भारी पड़ सकता है। क्योंकि जब हम एक्स्ट्रा एक्सरसाइज करते हैं तो इससे हमारे पैंरो की नसे फूलजाति हैं। दरअसल ज्यादा कसरत करने से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है जिसकी वजह से नसें फूल जाती हैं। ऐसे में आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि जब भी ऐसा हो तो थोड़ी देर में ही ये वापस नॉर्मल हो जाती हैं।
धुप सेकने से
सर्दियों के मौसम में लोग धुप में बैठना पसंद करते हैं, ताकि ठंड का असर थोड़ा कम हो। हालांकि धुप में बैठने की वजह से ठंड तो कम लगती है लेकिन पैरों की नसें जरूर फूल जाती हैं। अक्सर जब लोगों की नजर बैठे-बैठे उनके पैरों पर पड़ती है और उन्हें अपने पैरों की नसे फूली हुई दिखाई देती हैं तो वो घबरा जाते हैं। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धूप के कारण पैरों से कोलेजन दूर होने लगता है, जिसके कारण हमारी पैरों की नसें फूलने लगती हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है,क्योंकि कुछ समय बाद यह समस्या खुद ठीक हो सकती है।
बहुत देर तक एक ही अवस्था में रहने से
कई बार लोग बहुत देर तक या तो बैठे ही रह जाते हैं या खड़े ही रह जाते हैं। ऐसे में पैरों की नसे फूल जाती हैं। दरअसल जब हम बहुत देर तक एक ही अवस्थामें रहते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। जिसकी वजह से पैरों की नसें फूल जाती हैं। लेकि थोड़ी देर बाद ही ये नॉर्मल हो जाती हैं।
हार्मोनल चेंज की वजह से
शरीर में हार्मोनल चेंज होने की वजह से नसें फूलने की समस्या होती है। ये समस्या खासतौर महिलाओं को उस समय होती है जब वो गर्भवती होती हैं या जब पीरिड्स का समय होता है। उस दौरान शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल चेंज होते हैं।