जब नौकरी दम घोंटू लगे, तो क्या करें

Update: 2023-04-29 18:02 GMT
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक़ वर्किंग सोसाइटी में यह कहने वालों की भीड़ अचानक से बढ़ी है कि वह जॉब जिसे पाने के लिए कभी उन्होंने ज़मीन आसमान एक कर दिया था, अब उन्हें बोझ लगने लगी है. ऑफ़िस जाने का मन नहीं होता और सबकुछ छोड़ देने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नज़र नहीं आता. किताब पाथफ़ाइंडर में निकोलस लोर (जो कि एक करियर कोच हैं) लिखते हैं,‘इस दौर में काम का ढांचा ऐसा है कि हममें से 30 प्रतिशत लोग अपने जॉब से किसी न किसी वजह से नाख़ुश हैं, बल्कि 8-10 प्रतिशत तो ऐसे लोग हैं जो नौकरी को नरक मानकर ढो रहे हैं.’ जॉब छोड़ना कोई मुश्क़िल बात नहीं, लेकिन अनदेखी हरियाली के लोभ में बिना सोचे छलांग लगा देना भी कोई बुद्धिमानी नहीं. इसलिए जॉब छोड़ने का निर्णय करने से पहले उन पहलुओं पर विचार करें, जो आपको जॉब छोड़ने के लिए उकसा रहे हैं. अगर इन मुद्दों में से कुछ टेम्प्रेरी हैं तो जल्दबाज़ी न करें, लेकिन अगर कारण स्थाई हैं, तो यह गुडबाय कहने का समय हो सकता है.
आप क्यों चाहते हैं जॉब से मुक्ति?
आपकी योग्यताओं का उपयोग नहीं हो पा रहा. मैनेजमेंट यह समझने की स्थिति में नहीं है कि आपके पास देने के लिए बहुत कुछ है और आपका प्रमोशन रोका जा रहा है, तो आप जॉब से मुक्त होने के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन ध्यान दें कि जब तक आप वहां हैं, अपनी परफ़ॉर्मेंस को ज़रा भी कम न करें, क्योंकि वह भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. अगर आपको लगातार ऐसा महसूस हो रहा हो कि आप अपने पैशन को फ़ॉलो करने के बजाय वह कर रहे हैं, जिसमें आपकी ज़रा भी दिलचस्पी नहीं, तो आप कभी अपनी असल क्षमता को प्रकट नहीं कर पाएंगे. तब स्थिति आपके लिए जॉब को बरक़रार रखने से ज़्यादा ख़ुद को मेंटली पीसते रहने जैसी हो जाएगी. ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि आप अपनी रुचि की जड़ें खोजें और उस दिशा में अपने करियर की संभावनाएं तलाशें. सबसे पहले यह तय कर लें कि तुरंत जॉब पाने के लिहाज़ से आपकी वे स्किल्स कितनी अपडेट हैं. कितनी पैनी हैं.
...यानी आपको जॉब छोड़ देनी चाहिए
अगर बॉस के साथ आपका आंकड़ा ऐसा है, जैसे आप लगातार मई की धूप में तप रहे हैं, तो एक बार इस बारे में एचआर डिपार्टमेंट में बात करें और अगर बात बनती न दिखे तो बेशक अपने पसंदीदा माहौल और जॉब की तलाश करें. लेकिन पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आप मई की धूप से निकलकर फ्राइंग पेन में पांव रखने तो नहीं जा रहे हैं. यह जानने की कोशिश करें कि आपका नया बॉस और नए जॉब का माहौल कैसा है? अगर कंपनी की नैया डांवाडोल हो तो भी आप नए जॉब के लिए तैयारी कर सकते हैं. क्योंकि डूबती नाव के साथ डूबने से बेहतर है कि वक़्त रहते कोई तिनका तलाश लिया जाए. अगर आपके और कंपनी के वैल्यू मिसमैच हो रहे हैं, आपको महसूस हो कि आपके और कंपनी के मॉरल और एथिकल पॉइंट ऑफ़ व्यू में बहुत फ़र्क़ है या जब आपके वर्क एथिक्स टकरा रहे हों, तो ऐसी स्थिति में असहज होकर जॉब को बनाए रखने से बेहतर होगा कि आप अनुकूल सोच वाली कंपनी से जुड़ जाएं.
एक बार ठहर कर सोच लें दोबारा
ख़ुद से सवाल करें कि आप जॉब क्यों छोड़ना चाहते हैं. क्या इसलिए कि आप महसूस कर रहे हैं या इसलिए कि किसी कलीग पर नाराज़गी है या मैनेजमेंट की कोई बात अच्छी नहीं लग रही? जॉब छोड़ने का निर्णय जल्दबाज़ी या भावुकता में ना लें. अपने आप को कुछ समय दें. ऑफ़िस संबंधी दिक़्क़तों के बारे में अपने बॉस से बात करें. उस कारण की तलाश करनी ज़रूरी है, जो आपको जॉब से निकलने के लिए प्रेरित कर रहा है? क्या उसी तरह का दूसरा जॉब करके क्या आप ख़ुश हो पाएंगे? क्या ये स्थिति आपके लिए ऐसी है जैसे आप सोने की हथकड़ी में बंधे क़ैदी हैं और उससे बंधे रहना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि उस हथकड़ी के कारण आपका एक रौब और रुतबा है या आपके घर का ख़र्च केवल इसी जॉब के बिना नहीं चल सकता? या आप अपने शॉपिंग की दीवानगी के लिए इसे बरक़रार रखे हुए हैं? इस तरह के कई सवाल हो सकते हैं, जो आपको जॉब छोड़ने की बात सोचते वक़्त सोचने चाहिए.
जब बदल जाए नौकरी छोड़ने का इरादा
कौशल बढ़ाने का प्रयास करें. ईमानदारी से सोचें कि कहीं कमी आपके पार्ट में तो नहीं है? अगर ऐसा है तो उसे दूर करने की कोशिश करें. यह सोचें कि आपका एक्स फ़ैक्टर क्या है. नकारात्मकता को सबसे पहले गुडबाय कहें, क्योंकि कई बार कुछ न होने की स्थिति में भी नकारात्मकता बहुत कुछ क्रिएट कर देती है. अक्सर हम ये स्वीकार करते हैं मुझे अपने जॉब से नफ़रत है, लेकिन क्या करूं मेरा घर इसी जॉब से चलता है. वह जॉब जिसे आप नापसंद करते हैं उसे विवशता की तरह ढोते जाना ख़ुद को लगातार प्रताड़ित करते रहने जैसा है. ऐसी स्थिति में दो उपाय हैं. या तो आप नापसंद में कुछ ऐसा तलाशना शुरू कर दें, जो आपको पसंद हो. ऐसी संभावना हर जगह होती है, लेकिन अगर आपको यह असंभव लगता है, तो बेशक वक़्त है कि जब मौजूदा जॉब की उफनती नदी के पार अपने लिए कोई और छोर तलाश लें. एक गहरी सांस लें और ख़ुद से कहें यह उदास होने का नहीं खोए सपने तलाशने का वक़्त है.
क्या करें जब मन हो गया हो पक्का?
जॉब छोड़ते हुए अपनी मनःस्थिति को, अपने विज़न को एकदम साफ़ रखें. जॉब छोड़ने से जुड़े व्यावहारिक पक्ष और जोखिम पर विचार करें. परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए समाधान सोचने की कोशिश करें. ऑफ़िस में अचानक अपने रूटीन को न बदल लें. देर से आना या जल्दी निकलना शुरू न कर दें. न कंपनी और मैनेजमेंट की बुराइयां करने में समय ज़ाया करें. कलीग्स से दोस्ती बनाए रखें. याद रखें कि आपने इस जॉब के दौरान एक अच्छी रेप्युटेशन हासिल की है. इसलिए अलविदा कहते हुए भी अपने प्रोफ़ेशनलिज़्म को बरक़रार रखें. जॉब को छोड़ते वक़्त भी अपना एटिट्यूड प्रोफ़ेशनल रखें. अपना उत्साह न खोएं. हालांकि यही सबसे मुश्क़िल चीज़ है, लेकिन यही बात सबसे ज़रूरी भी है. एक टूडू लिस्ट बनाएं.
जैसे रिज़्यूमे अपडेट करना है. मनचाहा जॉब तलाशने वाले रास्ते तलाशने हैं. यानी जॉब साइट्स सर्च करनी हैं. लिंक्डिन पर अपनी प्रोफ़ाइल अपडेट करनी है. तय करें कि आपको सचमुच क्या करना है? अगर आप जॉब छोड़ देते हैं, तो आपका ड्रीम करियर क्या होगा? क्या आपने वह रास्ता खोज लिया है जो आपको आपके ड्रीम करियर तक ले जा सकता है? क्या आपने जॉब छोड़ने के बाद क्या करना है और कैसे करना है, इसकी एक रफ़ आउटलाइन बना ली है?
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