करियर में उतार-चढ़ाव आते रहता है. हो सकता है आपका या आपके पार्टनर का करियर के लिहाज से वक़्त अच्छा न चल रहा हो. ऐसे में पार्टनर तो तनाव में होता ही है, आपके रिश्ते पर भी इस तनाव की छाया पड़ने लगती है. मामला तब हाथ से निकल जाता है, जब नौकरी छूटने जैसा कुछ हो जाता है. आजकल जॉब मार्केट की हालत कुछ ऐसी है कि नौकरियां मिल नहीं रही हैं. लंबे समय तक बेरोज़गार रहने पर फ्रस्टेशन का लेवल बढ़ता ही जाता है और देर-सबेर आप दोनों में ब्लेम गेम भी शुरू हो जाएगा. आपके रिश्ते में ऐसा न हो इसलिए पार्टनर के करियर में समस्याओं होने पर आपको यहां बताई जा रही कुछ बातों पर ध्यान रखना चाहिए.
दिमाग़ ठंडा रखें
बेशक, पार्टनर के करियर में मची उथल-पुथल आपको भी प्रभावित करेगी. आपके घर का बजट बिगड़ जानेवाला है, ख़ासकर अगर घर के ज़्यादातर ख़र्चे पार्टनर ही चला रहा हो तब. वह दुखी और परेशान होगा, ऐसे में आपको अपनी नकारात्मक भावनाओं पर क़ाबू पाना होगा. उससे बहस या आरोप-प्रत्यारोप से बचने में ही भलाई है. उसकी बातों को धैर्य से सुनें. कई बार बात सुनने से ही सामनेवाला अच्छा फ़ील करने लगता है. आप दोनों स्थिति को और ख़राब करने के बजाय, चीज़ों को ठीक करने के लिए बातचीत करें.
इस बारे में दूसरों को न बताएं
यह आप दोनों की निजी बात है. इस बारे में अपने दोस्तों व परिवार के दूसरे सदस्यों से बातचीत न करें. इस बात की बहुत ज़्यादा संभावना है कि नौकरी में समस्या होने या नौकरी छूटने की बात बाहर जाने पर पार्टनर को बहुत ज़्यादा बुरा लगे. उसे शर्मिंदगी या ग्लानि भी हो सकती है. अगर आप इस समस्या को केवल दोनों तक ही रखेंगे तो इससे बाहर निकलने में मदद मिलेगी.नौकरी खोजने में मदद करें
पार्टनर को यह एहसास कराएं कि नौकरी तलाशने की उसकी जद्दोजहद में वह अकेला नहीं है, आप भी उसके साथ हैं. आप अपनी ओर से जितना हो सके, पार्टनर की क्वॉलिफ़िकेशन और फ़ील्ड के अनुरूप नौकरी तलाशने की कोशिश करें. रिज़्यूमे बनाने या जॉब पोर्टल्स पर अपलोड करने में उसकी मदद करें, बेशक अगर वह मदद मांगे तो. हां, अगर वह कुछ समय तक अपने कौशल (स्किल्स) को बढ़ाने के लिए कोई कोर्स करना चाहे या आगे पढ़ना चाहे तो उसका सपोर्ट करें.
रुपए-पैसों का हिसाब-किताब कर लें
चूंकि अब आप दोनों की कमाई आधी हो गई है इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि साथ बैठकर यह हिसाब लगा लें कि आपके पास पैसे कितने बचे हैं. उन पैसों से ख़र्च चलेगा या नहीं इसका अंदाज़ा लगा लें. संकट के ऐसे समय में आप लोग अपने उन ख़र्चों को कम करने के बारे में सोच सकते हैं, जो लग़्जीरियस हों. अच्छा समय आने के बाद उनके लिए पैसे आ जाएंगे, फ़िलहाल एकदम बेसिक ख़र्चों की व्यवस्था कर लें. ऐसा करने से आप दोनों ख़र्चों को लेकर थोड़े तो निश्चिंत हो ही जाएंगे.