इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से फुटेज नजर आते हैं जिसमें किसी भी उम्र या तबके का शख्स अचाकन बात करते करते जिंदगी का साथ छोड़ देता है. अधिकांश में कारण होता है हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट. जिसके बाद से हार्ट अटैक को लेकर लोगों की जिज्ञासा बहुत ज्यादा बढ़ गई है. अधिकांश लोग इस बात से भी अनजान हैं कि हार्ट अटैक के बाद भी जिंदगी संभव है. हार्ट अटैक आने के बाद अगर समय रहते इंसान को इलाज मिल जाए तो वो काफी हद तक सामान्य जिंदगी बिता सकता है. जानकारी के अभाव में ऐसा हो नहीं पाता और हार्ट अटैक के बाद आधे से ज्यादा लोग अपने घर में ही दम तोड़ देते हैं.
पहला घंटा है जरूरी
हार्ट अटैक आने के बाद पहले एक घंटे में इलाज मिलना बहुत जरूरी है. इस संबंध में एम्स के डॉक्टर्स ने एक अध्ययन भी किया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस अध्ययन में कई चौंकाने वाले नतीजे आए. बहुत से लोग कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक की गंभीरता को समझ ही नहीं पाते हैं. जिसकी वजह से मरीज को जान से हाथ धोना पड़ता है. अध्ययन के अनुसार सिर्फ 10.8 फीसदी लोग ही समय पर यानी कि एक घंटे में अस्पताल पहुंचते हैं. 55 प्रतिशत मौत का कारण इलाज मिलने में देरी है. मर्ज की गंभीरता को न समझ पा या फिर आर्थिक तंगी की वजह से लोग अस्पताल जाने से बचते हैं और खामियाजा भुगतते हैं.
जागरुकता है जरूरी
इसी अध्ययन में डॉक्टर्स ने इस बात पर भी जोर दिया है कि लोगों को इस मर्ज के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है. उन्हें ये समझाना होगा कि क्यों पहला घंटा मरीज की जान के लिए इतना अहम है. इंडियन काउंसिल फॉम मेडिकल रिसर्च से फंडेड इस अध्ययन को हरियाणा के फरीदाबाद जिले की तीन तहसीलों में किया गया और ये नतीजे सामने आए.