पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का फर्टिलिटी पर क्या होता है असर? जानें
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
पीआईडी एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे दुनिया-भर में कई महिलाएं परेशान हैं। लेकिन इस बीमारी के होने का खतरा उन महिलाओं मेंज्यादा होता है, जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं या फैमिली में कोई पीआईडी से ग्रस्त है। हालांकि, यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है, लेकिन सेक्सुअल एक्टिव युवा महिलाओं में आम है।
पीआईडी, वेजाइना और सर्विक्स में होने वाला संक्रमण है, जो जेनिटल ट्रैक्ट को संक्रमित करने के बाद अन्य अंगों में फैलता है। यह रिप्रोडक्टिव अंगों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे इनफर्टिलिटी और अन्य समस्याएं होती हैं। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का फर्टिलिटी पर क्या असर होता है? इसकी जानकारी इंदिरा आईवीएफ के सीईओ और को-फाउंडर डॉक्टर क्षितिज मुर्डिया शेयर कर रहे हैं।
पीआईडी क्या है? (What is PID in Hindi)
पीआईडी एक ऐसा संक्रमण है, जिसका असर महिला के रिप्रोडक्टिव अंगों पर पड़ता है, जिसमें यूट्रस, ओवरी और फैलोपियन ट्यूब शामिल हैं। फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 24-32% महिलाएं पीआईडी से ग्रस्त हैं।
आमतौर पर संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है और इसकी शुरुआत वेजाइना से होती है। फिर, यह यूट्रस और अन्य रिप्रोडक्टिव अंगों में फैलता है।
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पीआईडी के कारण (Causes of PID in Hindi)
पीआईडी के आम कारणों में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया शामिल हैं। इन दोनों तरह की एसटीआई में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए, जब किसी महिला को गोनोरिया या क्लैमाइडिया होता है तब उसे सही समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है। पीआईडी गार्डनेरेला वेजाइनलिस जैसे एनारोबिक बैक्टीरिया के कारण भी होता है।
पीआईडी के लक्षण (PID Symptoms in Hindi)
पेट के निचले हिस्से में दर्द
वेजाइनल डिस्चार्ज
पीरियड्स में गड़बड़ी
तेज बुखार
सेक्सुअल रिलेशनशीप के दौरान दर्द
यूरिन करते समय दर्द
बार-बार यूरिन जाना
सूजन
पेल्विक में दर्द
फर्टिलिटी पर असर
पीआईडी से रिप्रोडक्टिव अंगों, विशेष रूप से फैलोपियन ट्यूब्स को नुकसान होता है। फैलोपियन ट्यूब्स ओवरीज से एग्स को यूट्रस तक ले जाती हैं। यहां पर फीमेल एग्स और मेल स्पर्म का फर्टिलाइजेशन होता है। जब ट्यूब्स डैमेज हो जाती हैं, तब प्रोसेस में रुकावट आती है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
पीआईडी से यूट्रस में निशान भी आने लगते हैं, जिससे फर्टिलाइज एग्स कोइम्प्लांट करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, पीआईडी ओवरीज को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका असर एग्स रिलीज करने की क्षमता और हार्मोन के प्रोडक्शन पर पड़ता है।
पीआईडी का इलाज (PID Treatment in Hindi)
पीआईडी का इलाज संभव है। हालांकि, पीआईडी का ट्रीटमेंट संक्रमण के कारण होने वाले निशान को ठीक नहीं कर सकता है। शरीर में संक्रमण के ज्यादा समय तक रहने से इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है। पीआईडी के इलाज के लिए सबसे पहले एंटीबायोटिक्स लेने के लिए कहा जाता है।
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पीआईडी से बचाव (PID Precautions in Hindi)
एसटीआई की वजह से पीआईडी होता है, इसलिए एसटीआई से बचने के लिए कंडोम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
पीआईडी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका रिप्रोडक्टिव अंगों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए इसके लक्षणों, कारणों और बचाव के उपायों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।