क्या होता है जब मां आपके साथ शॉपिंग के दौरान होती है

Update: 2023-04-29 15:04 GMT
महिलाओं के डीएनए में शॉपिंग होती है. ज़ाहिर है आपकी मां के डीएनए में भी ख़रीददारी रची-बसी होगी. ऐसे में मां के साथ शॉपिंग पर जाने की सोचकर ही आप उत्साहित हो जाती होंगी. पर क्या उनके साथ ख़रीददारी का अनुभव उतना अच्छा होता है, जितना आप सोचती हैं? आइए जानें, क्या होता है जब मां आपके साथ शॉपिंग के दौरान होती है?
शुरू में आप और आपकी मां दोनों ही शॉपिंग को लेकर बेहद एक्साइटेड रहते हैं.
जल्द‌ी ही आपको लगता है कि मेरे काम की चीज़ें नहीं हैं, तो वहां से निकलना चाहते हैं.
पर तब आपको पता चलता है कि वहां से निकल पाना आपके बस में नहीं है.
अब रुकना ही है, सोचकर आप अपनी डिमांड लिस्ट में से एक-एक कर चीज़ें बताने लगते हैं.
जो चीज़ आपको पसंद आती है, मम्मी यह कहकर पल्ला झाड़ लेती हैं कि यह हमारे बजट में नहीं आ सकती.
लेकिन मां आपको निराश भी नहीं करना चाहतीं. वे दूसरे ब्रैंड की चीज़ें सजेस्ट करने लगती हैं.
तब उनकी निगाहें सेल पर लगी चीज़ों पर पड़ जाती है. और...
आपको मम्मी की पसंद की चीज़ों के साथ घंटों चेंजिंग रूम में बिताना होता है.
आपको ऐसी फ़ीलिंग आने लगती है कि मानो ज़िंदगी में अब कभी दोबारा शॉपिंग करने मिलेगी ही नहीं.
एक बार शॉपिंग पूरी हो जाती है तब आपको इतने सारे बैग्स उठाने पड़ते हैं कि कमर भी सॉरी बोल देती है.
पर अंत में आप आकलन करते हैं तो पाते हैं, इतना बुरा भी दिन नहीं था. मां ने आपकी अच्छी-ख़ासी ख़रीददारी करा दी है.
एक बात तो पक्की है, मंडे को नई ड्रेसेस में आप छा जानेवाली हैं.
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