क्या है वेजाइनल लुब्रिकेंट्स...और क्यों है इसकी ज़रूरत

बात सेक्सुअल प्रॉब्लम्स (Sexual problems) की हो या फिर प्राइवेट पार्ट्स (Private parts) की क्लीनिंग और हाइजीन की, महिलाएं इन पर कुछ हद तक तो खुलकर बात करने लगी हैं.

Update: 2021-09-16 17:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   बात सेक्सुअल प्रॉब्लम्स (Sexual problems) की हो या फिर प्राइवेट पार्ट्स (Private parts) की क्लीनिंग और हाइजीन की, महिलाएं इन पर कुछ हद तक तो खुलकर बात करने लगी हैं. लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में महिलाएं ऐसी हैं, जो इन पर बात करने में थोड़ा हिचकिचाती हैं. जिसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों से गुज़रना पड़ता है. इसलिए बेहतर होगा कि सेक्सुअल हाइजीन और सेक्स लाइफ को लेकर भी महिलाएं जागरुक हों और अपनी बात खुलकर रखें. आज हम आपको healthline में प्रकाशित खबर के आधार पर वेजाइनल लुब्रिकेंट्स (Vaginal Lubricant) के बारे में कुछ बता रहे हैं. ये जानकारी वेजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत से जूझ रही महिलाओं के लिए काफी काम की साबित हो सकती है. आइये जानते हैं इसके बारे में.

वेजाइनल ड्राइनेस की वजह

सबसे पहले बता दें कि वेजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत आने की कई वजह हो सकती हैं. इनमें पानी कम पीना, एंटीहिस्टामाइन और एंटीडिपेंटेंट्स सहित कुछ दवाओं का सेवन करना, हार्मोनल चेंजेस, स्मोकिंग, ब्रेस्ट फीडिंग, मीनोपॉज और कीमोथेरेपी जैसी कुछ वजह शामिल हैं.
क्यों है वेजाइनल लुब्रिकेंट्स की ज़रूरत
सेक्स के दौरान यौन उत्तेजना की वजह से वेजाइना में नेचुरल तौर पर लुब्रिकेंट्स आना नार्मल बात है. लेकिन अगर कोई महिला वेजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत से गुज़र रही है तो ऐसे में ये आर्टिफिशियल वेजाइनल लुब्रिकेंट्स आपकी काफी मदद कर सकते हैं. ये आपके सेक्स प्लेज़र को बढ़ा सकते हैं. ये सेक्स को स्मूद बनाते हैं. साथ ही वेजाइना को किसी भी तरह का नुकसान होने से बचाते हैं. दरअसल लुब्रिकेंट्स के बिना यौन संबंध बनाने से कई बार प्राइवेट पार्ट में खुजली, जलन और ड्राईनेस बढ़ने की दिक्कत हो जाती है.
इन लुब्रिकेंट्स की ले सकते हैं मदद
हर व्यक्ति की यौन संबंधी जरूरतें अलग होती हैं और इन जरूरतों के हिसाब से मार्केट में विभिन्न प्रकार के लुब्रिकेंट्स मौजूद हैं. इनमें वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट्स और ऑइल बेस्ड लुब्रिकेंट्स शामिल हैं. वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट्स सबसे कॉमन लुब्रिकेंट्स हैं जो दो तरह की वराइटी में मिलते हैं. इनकी एक वराइटी में ग्लिसरीन होता है और टेस्ट में ये स्वीट होते हैं. दूसरे बिना ग्लिसरीन के होते हैं. इन लुब्रिकेंट्स का फायदा ये होता है कि ये काफी किफायती होते हैं और इनको कॉन्डम के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही ये लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं. दूसरे हैं ऑइल बेस्ड लुब्रिकेंट्स जो नेचुरल और सिंथेटिक दो तरह के होते हैं. नेचुरल ऑइल बेस्ड लुब्रिकेंट्स नारियल तेल या फिर बटर के बने होते हैं. जबकि सिंथेटिक लुब्रिकेंट्स मिनरल ऑइल या फिर वैसलीन के बने होते हैं. ये सस्ते भी होते हैं साथ ही इस्तेमाल में भी सुरक्षित होते हैं.
लुब्रिकेंट खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें
अगर आपको वेजाइनल ड्राइनेस है तो ऐसे लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल न करें, जिनमें ग्लिसरीन होता है क्योंकि ये जल्दी सूख जाता है. ऐसी स्थिति में सिलिकन बेस्ड लुब्रिकेंट का ही इस्तेमाल करना बेहतर होगा. लेकिन अगर आपको यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है, तो ग्लिसरीन युक्त लुब्रिकेंट्स से दूर रहें. क्योंकि इसकी वजह से वेजाइना में इरिटेशन और सूखापन हो सकता है और इससे अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो सकते हैं. वहीं अगर आप कॉन्डम का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो ऑइल युक्त लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कभी न करें, क्योंकि यह लेटेक्स कॉन्डम को जल्दी खराब कर देते हैं. इसके साथ ही शॉवर सेक्स के दौरान सिलिकन बेस्ड लुब्रिकेंट का ही इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा.
लुब्रिकेंट्स के साइड इफेक्ट्स
वैसे तो ज्यादातर लुब्रिकेंट्स के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं. लेकिन कभी-कभी कुछ दिक्कतें सामने आ सकती हैं. क्योंकि हो सकता है कि लुब्रिकेंट में कोई ऐसा तत्व मौजूद हो जिससे एलर्जी हो जाये. इसलिए लुब्रिकेंट इस्तेमाल करने पर अगर आपको जीभ-गले या चेहरे पर सूजन, सांस लेने में तकलीफ, स्किन रैशेज़ या फिर खुजली होने की दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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