क्या आप रातभर भूखा महसूस करते हैं? भूख की वजह से रातभर उठकर कुछ-न-कुछ खाते रहते हैं और फिर सो नहीं पाते हैं? अगर आपका जवाब हाँ है तो आप नाइट ईटिंग सिंड्रोम से ग्रस्त हो सकते हैं। नाइट ईटिंग सिंड्रोम एक तरह का डिसऑर्डर है। इससे पीड़ित व्यक्ति को रात के समय में अधिक भूख लगती है और वह कुछ-न-कुछ खाता रहता है जिसके बाद उसे सोने में परेशानी होती है। अगर वक़्त रहते इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जाए तो पीड़ित व्यक्ति को वजन बढ़ने, डायबिटीज और हार्ट डिसीज की शिकायत भी सकती है। आजकल ज्यादातर लोग इस डिसऑर्डर पीड़ित हैं और हर बढ़ते दिन के साथ इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको नाइट ईटिंग सिंड्रोम के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में बताने वाले हैं।
नाइट ईटिंग सिंड्रोम के लक्षण
अगर आप हफ्ते में कम से कम दो बार रात को उठकर खाना खाते हैं तो आप इस डिसऑर्डर से ग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा नीचे दिए गए लक्षणों में अगर आपको कोई भी तीन लक्षण खुद में दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप करवाएं।
- नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित होने पर व्यक्ति को सुबह के समय भूख नहीं लगती है। अगर आप सुबह ब्रेकफास्ट नहीं कर रहे हैं तो आपको यह डिसऑर्डर हो सकता है।
- अगर आपको हफ्ते से चार से पांच रातों को नींद नहीं आने की समस्या हो रही है तो आप नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित हो सकते हैं।
- नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को रात के समय लगता है कि खाना खाने से उन्हें अच्छी नींद आएगी।
- अगर शाम के समय आप डिप्रेशन जैसा महसूस कर रहे हैं या फिर शाम होते ही आपका मूड ख़राब हो जाता है तो आप इस डिसऑर्डर से पीड़ित हो सकते हैं।
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नाइट ईटिंग सिंड्रोम का कारण
- नाइट ईटिंग सिंड्रोम होने का अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं है। एक्सपर्ट्स सोने के समय और दिनचर्या में बदलाव को इसका मुख्य कारण मानते हैं। दिनचर्या में बदलाव की वजह से हमारे शरीर की नेचुरल क्लॉक बिगड़ जाती है और दिन की बजाय रात में हंगर हॉर्मोन रिलीज होने लगते हैं। इसी वजह से नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को रात में ज्यादा भूख लगती है।
- एक्सपर्ट के अनुसार स्ट्रेस और डिप्रेशन भी इस डिसऑर्डर का कारण बन सकते हैं। स्ट्रेस और डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती है और लंबे समय तक जागने की वजह से खुद ब खुद भूख लग आती है।
- सही समय पर भोजन नहीं करना भी इस डिसऑर्डर से पीड़ित होने का एक कारण हो सकता है। गलत टाइम पर भारी भोजन करने की वजह से लोगों की स्लीप साइकिल बाधित हो जाती है, जो आगे चलकर नाइट ईटिंग सिंड्रोम होने का कारण बनती है।
नाइट ईटिंग सिंड्रोम का उपचार
- नाइट ईटिंग सिंड्रोम पर हुए एक छोटे से अध्ययन में पाया गया है कि रिलैक्सेशन ट्रेनिंग की मदद से रात की भूख को सुबह शिफ्ट किया जा सकता है जिसकी वजह से इस डिसऑर्डर से राहत मिल सकती है।
- कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी और एंटीडिपेंटेंट्स थेरेपी से भी नाइट ईटिंग सिंड्रोम में काफी मदद मिलती है। इन थेरेपी पर हुए अध्ययनों ने रात के खाने और मूड में सुधार दिखाया है।