चेहरे पर पिंपल्स के अलावा हमें और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या से भी अक्सर लोग गुजरते हैं। ज़्यादातर लोगों को इस समस्या को बहुत ज़्यादा झेलना पड़ता है। हालांकि, कई लोगों को जल्दी इस समस्या से छुटकारा नहीं मिलता है। उन्हें इस बारे में पता ही नहीं होता है कि ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स से छुटकारा कैसे पाएं। ऐसे में आपकी स्किन पर ब्लैकहेड्स का होना सिर्फ आपके चेहरे की खूबसूरती को प्रभावित करता है, साथ ही व्हाइटहेड्स कभी-कभी पिंपल में भी बदल जाते हैं और बेहद दर्दनाक हो जाते हैं।
ब्लैकहेड्स (Blackheads) त्वचा के ऊपरी हिस्से में होते हैं। ये त्वचा के अंदर से निकलते हैं लेकिन त्वचा के सतह पर रुक जाते हैं और उसे अपना काला रंग देते हैं। ये अक्सर त्वचा के धूल, तैल और अन्य अवशिष्टों से बनते हैं। व्हाइटहेड्स (Whiteheads) त्वचा के नीचे के हिस्से में होते हैं। ये समान तरह से त्वचा के अंदर से निकलते हैं, लेकिन उनके ऊपर की ओर त्वचा के एक छोटी सी खोपड़ी होती है जो उन्हें बंद कर देती है। इससे ये आपकी स्किन से बाहर नहीं निकल पाते हैं और उनका रंग सफेद होता है। व्हाइटहेड्स अक्सर आपकी स्किन पर एक साथ बहुत सारे हो जाते हैं।
ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में क्या होता है अंतर?
ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्सWhat is the difference between blackheads and whiteheads?
ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स के नाम से ही समझा जा सकता है। बता दें, ब्लैकहेड्स काले रंग के और व्हाइटहेड्स सफेद रंग के होते हैं। लेकिन जो ब्लैकहेड्स होते हैं वो आपकी स्किन पर ओपन बंप्स और व्हाइटहेड्स क्लोज बंप्स के रूप में नजर आते हैं। दोनों ही दिखने में भद्दे तो लगते ही हैं। साथ ही आपकी स्किन के पोर्स को भी बंद कर देते है। इस वजह से दूसरे तरह के इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। खासतौर पर अगर आप व्हाइटहेड्स की समस्या का सामना कर रहे हैं। तो यह ज्यादा दर्दनाक स्थिति पर भी पहुंच सकते हैं और पिंपल्स में बदल सकते हैं। कभी-कभी यह स्किन पर सीधे सफेद रंग के दाने के रूप में उभरते हैं, तो कभी इनका रंग हल्का लाल भी हो सकता है। जिसके बाद ये पीले रंग में बदल जाता है, इसको बेसिकली मवाद के नाम से भी लोग जानते हैं। और जब ये फूटता है तो कील के रूप में निकलता है।
व्हाइटहेड्स एक प्रकार के एक्ने होते हैं जो त्वचा के मुँहासे में से दिखाई देते हैं। ये हमेशा त्वचा के ऊपरी सतह पर होते हैं और अक्सर तलवर के सिरे जैसे दिखते हैं। इन्हें सफेद हेड कहा जाता है। व्हाइटहेड्स त्वचा के ऊपरी सतह पर होने के कारण धूल, तैल और अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल करने से त्वचा को बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, व्हाइटहेड्स का कारण त्वचा के ऊपरी सतह पर मौजूद तैल की अधिकता भी हो सकती है।
वैसे तो व्हाइटहेड्स की समस्या किसी भी व्यक्ति को 20वें पड़ाव या फिर 30वें पड़ाव पर पहुंचने पर होती है। यह यंग और एडल्टहुड में कदम रखने के संकेत के तौर पर काम करते हैं। इसमें सीबम होता है, जिसकी वजह से जितने हिस्से में भी व्हाइटहेड्स होते हैं, वहां आपको दर्द भी महसूस होता है। यह व्हाइटहेड्स नाक, चिन, फॉरहेड या फिर गालों पर भी निकलते हैं।
क्या होते हैं व्हाइटहेड्स और व्हाइटहेड्स के लक्षण?
जब भी आपकी स्किन पर व्हाइटहेड्स निकलने वाले होते हैं, तब स्किन में सफेद या पीले रंग के बंप उभरने लगते हैं। साथ ही धीरे-धीरे यह सख्त होने लगते हैं और इन्हें दबाने या छूने पर आपको दर्द महसूस होने लगता है। कई बार तो ये आपकी स्किन की परत में इस तरह से छुपे होते हैं कि बहुत दबाने पर ही बाहर निकलते हैं और साथ ही बहुत दर्दभरे भी होते हैं।